देश के अलग-अलग जगहों से अल्पसंख्यकों पर होने वाले हमलों की ख़बरों के बीच कर्नाटक से परेशान करने वाली खबरें आ रही हैं। एक अध्ययन में पाया गया है कि जब से कर्नाटक में धर्मांतरण विरोधी क़ानून बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई है, वहाँ ईसाइयों पर हमले तेज़ हो गए हैं।
युनाइटेड क्रिश्चियन फोरम, एसोसिएशन फ़ॉर प्रोटेक्शन ऑफ़ सिविल राइट्स (एपीसीआर) और युनाइटेड अगेन्स्ट हेट का कहना है कि भारत में अल्पसंख्यकों और उनके पूजा स्थलों पर होने वाले हमलों के मामले में कर्नाटक तीसरे स्थान पर है।
हमले बढ़े
इस साल सितंबर तक युनाइटेड क्रिश्चियन फोरम के हेल्पलाइन पर 305 कॉल आ चुके हैं। ये ईसाइयों पर हुए हमलों से जुड़े कॉल थे। इन हमलों में 1,331 महिलाएं, 558 आदिवासी व 513 दलित घायल हुए।
युनाइटेड क्रिश्चियन फोरम का कहना है कि इस साल ईसाइयों पर होने वाले हमले सबसे ज़्यादा 66 उत्तर प्रदेश में हुए। इसके अलावा छत्तीसगढ़ में 47 और कर्नाटक में 32 हमले हुए।
ये हमले उडुपी, बेलगावी, उत्तर कन्नड़, चित्रदुर्ग और बेंगलुरु में हुए हैं। इनमें हमला, तोड़फोड़, ग़लत आरोप लगाना, झूठमूठ में फंसाना और गिरफ़्तारी शामिल हैं।
'मानवता का त्याग'
कैथोलिक बिशप कौंसिल के कर्नाटक क्षेत्र के अध्यक्ष रेवरेंड पीटर मचाडो ने कहा कि ऐसा लगता है कि प्रगतिशील राजनीतिक परंपरा और बेंगलुरु के आईटी हब होने के बावजूद कर्नाटक के लोगों ने मानवता का त्याग कर दिया है।
बता दें कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई ने एलान कर रखा है कि सरकार अगले सत्र में धर्मांतरण पर रोक लगाने से जुड़ा विधेयक विधानसभा में पेश करेगी। यह सत्र 13 दिसंबर को शुरू हो रहा है।
प्रार्थना कक्ष में हमला
बीते दिनों एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसमें देखा जा सकता है कि कथित तौर पर बजरंग दल के कार्यकर्ता ईसाइयों के एक प्रार्थना कक्ष में ज़बरन घुस जाते हैं और वहाँ तोड़फोड़ करते हैं। यह कथित वारदात कर्नाटक के हासन ज़िले की है।
वीडियो में देखा जा सकता है कि हासन ज़िले के बेलुड़ में बजरंग दल के कुछ लोग एक चर्च के प्रार्थना कक्ष में घुस कर लोगों को ज़बरन बाहर निकालते हैं और हुड़दंग करते हैं। वहाँ मौजूद महिलाओं से उनकी झड़प होती है।
ट्रेन से उतारा
याद दिला दें कि इस साल 19 मार्च को बीजेपी और आरएसएस से जुड़े छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद यानी एबीवीपी के सदस्यों ने मध्य प्रदेश में चलती ट्रेन से चार ईसाई महिलाओं को ज़बरन उतरवा दिया था। उन पर धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगाया गया।
केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने इस पर गहरी आपत्ति जताते हुए गृह मंत्री अमित शाह को कड़ी चिट्ठी लिखी थी। इस मामले में 9 लोगों को गिरफ़्तार किया गया था।
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