कर्नाटक के चित्रदुर्ग में नाबालिग लड़कियों से रेप के आरोपी लिंगायत मठ के साधु के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। प्रमुख लिंगायत मठ के संत शिवमूर्ति मुरुगा शरणारू को नाबालिगों से जुड़े कथित यौन उत्पीड़न के मामले में सोमवार को हिरासत में लिया गया था।
दो नाबालिगों की ओर से शिकायत दर्ज होने के बाद मैसूर शहर पुलिस ने शिवमूर्ति मुरुगा शरणारू के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। उन पर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण यानी POCSO अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
छात्राओं ने एक एनजीओ से शिकायत की थी कि मुरुगा मठ के छात्रावास में स्वामीजी उनका यौन शोषण कर रहे हैं। उनका आरोप है कि लेडी वार्डन उन्हें स्वामी जी के पास फल लेने के लिए भेजती थी। छात्राओं ने आरोप लगाया कि जब वो उस स्थान पर जाती थीं, जहां स्वामीजी थे, तो वे वहां आकर अजीबोगरीब हरकतें करते थे।
बहरहाल, हिरासत से छूटने और मठ में लौटने के बाद संत ने मठ में लोगों को संबोधित किया। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार संत ने कहा, 'आप सभी ने मेरे साथ रहकर मुझे हिम्मत दी है। डरने की कोई ज़रूरत नहीं है। क़ानून का सम्मान करें। ऐसे समर्थन के लिए मैं आप सभी को धन्यवाद देना चाहता हूँ।'
प्रदर्शनकारियों ने यह भी आरोप लगाया है कि संबंधित अधिकारियों को घटना के बारे में बताने वाले एनजीओ के प्रतिनिधियों को सोमवार को स्टेशन के अंदर नहीं जाने दिया गया।
शिकायत के अनुसार, मुरुगा मठ के छात्रावास में रहने वाली 15 और 16 साल की लड़कियों का साढ़े तीन साल से अधिक समय तक यौन शोषण किया गया। जिला बाल संरक्षण इकाई के एक अधिकारी की शिकायत पर मठ के छात्रावास के वार्डन समेत कुल पांच लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी।
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