कर्नाटक का मुरुगामठ विवादों में है। यह लिंगायत ब्राह्मणों का बहुत बड़ा मठ है और इसके स्वामी का विशेष सम्मान है। मठ के प्रमुख और स्वामी मुरुगा शिवमूर्ति शरण के खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगा है। उनके और मठ के चार अन्य लोगों खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इनमें महिला सहायिका भी शामिल हैं। इस मामले की एक कमेटी ने जांच की थी। उस कमेटी के सामने कुछ लड़कियों ने बयान दिया था, उसके बाद केस दर्ज किया गया। कर्नाटक के प्रमुख अखबार विजय कर्नाटक ने इस खबर की पुष्टि की है।
यह वही मठ और गुरु हैं, जिनके पास हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जाकर आशीर्वाद लिया था। बीजेपी समर्थक ट्विटर हैंडल पर शनिवार को राहुल गांधी और गुरु मुरुगा शिवमूर्ति शरण का फोटो वायरल किया जा रहा है, जबकि राहुल का इस घटना से कोई संबंध नहीं है।
स्वामी शिवमूर्ति शरण के अलावा एफआईआर में जिन्हें नामजद किया गया है, उनमें रश्मि, बसावा, परमशिवाय और गंगादारियाह शामिल हैं। हॉस्टल की ज्यादातर महिला स्टाफ का नाम इस मामले में आ रहा है। महिलाओं का लगभग सारा स्टाफ ही छात्राओं को स्वामी के पास फल लेने के लिए भेजता था।
मैसूर में चित्रदुर्ग के मुरुगा मठ के शिवमूर्ति शरण के खिलाफ छात्राओं ने यौन शोषण का आरोप लगाने के बाद मैसूर में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस शिकायत में आरोप लगाया गया है कि मठ के छात्रावास की कई छात्राओं का शिवमूर्ति शरण ने यौन उत्पीड़न किया है।
यहां की छात्राओं ने एक सिस्टर एनजीओ से शिकायत की थी कि मुरुगा मठ के छात्रावास में स्वामीजी हमारा यौन शोषण कर रहे हैं। लेडी वार्डन हमें स्वामी जी के पास फल लेने के लिए भेजती थी। छात्राओं ने आरोप लगाया कि जब वो उस स्थान पर जाती थीं, जहां स्वामीजी थे, तो वे वहां आकर अजीबोगरीब हरकतें करते, हमें गालियां देते थे।
तमाम छात्राएं इससे पीड़ित थीं लेकिन वे शिकायत करने से डरती थीं। इसीलिए उन्होंने मैसूर में सिस्टर संगठन से शिकायत की है। संगठन ने छात्राओं के बयान के आधार पर जिला बाल कल्याण समिति में शिकायत दर्ज कराई। पूछताछ के दौरान छात्राओं ने समिति के समक्ष अपना अनुभव सुनाया।
विस्तृत सुनवाई के बाद समिति ने बाल संरक्षण अधिकारी को मामला दर्ज करने का आदेश दिया। समिति के अध्यक्ष एचटी कमला के छुट्टी पर होने के कारण वरिष्ठ सदस्य धनंजय एलियुरु, सदस्य अशोक और सविता कुमारी ने जांच की थी।
समिति ने पुलिस को निर्देश दिया कि मठ स्वामी के खिलाफ पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जाए क्योंकि छात्राओं के बयानों में सच्चाई है। समिति के आदेश के अनुसार जिला बाल संरक्षण अधिकारी अरुंधति की शिकायत पर नजराबाद थाने में मामला दर्ज किया गया है।
अभी इस संबंध में मठ या स्वामी शिवमूर्ति शरण की तरफ से कोई बयान नहीं आया है।
लिंगायत राजनीति को प्रभावित करेगा
कर्नाटक में लिंगायत ब्राह्मणों की संख्या बहुत ज्यादा है और उन्हें काफी रसूखदार माना जाता है। अगर मठ यह बात समझाने में कामयाब रहा कि सारा मामला राजनीति प्रेरित है तो कर्नाटक के चुनाव में इसका असर पड़ना स्वाभाविक है। मठ के स्वामी ने पहली बार किसी कांग्रेसी नेता से मिलना स्वीकार किया था। राहुल गांधी जब मठ के स्वामी से मिले तो मठ ने उस कार्यक्रम का प्रचार भी बड़े पैमाने पर किया था। आमतौर पर हिन्दुओं के तमाम मठ और मंदिरों में बीजेपी-आरएसएस से जुड़ने में होड़ मची है, ऐसे में इस मठ का किसी कांग्रेसी नेता को बुलाना चर्चा में आ गया।
बीजेपी को मठ में राहुल गांधी का आना और फोटो जारी करना पसंद नहीं आया। विरोध में मठ के खिलाफ बयान भी आए। उस समय से मठ सरकार की नजरों में है। अगर यह मामला राजनीति से प्रेरित निकला तो लिंगायत अगले चुनाव में बीजेपी से किनाराकशी कर सकते हैं।
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