दक्षिणपंथी संगठनों के कार्यकर्ताओं की मनमानी के खिलाफ कर्नाटक की एक महिला डटकर खड़ी हो गई। हुआ यूं कि मंगलवार को कर्नाटक के तुमकुरु में दक्षिणपंथी संगठन के कार्यकर्ता एक घर में घुस गए। उन्होंने वहां रहने वाले परिवार से पूछा कि वे लोग क्रिसमस का त्यौहार क्यों मना रहे थे और उस घर की महिलाओं ने हिंदू महिलाओं की तरह सिंदूर क्यों नहीं लगाया है।
इस घटना का जो वीडियो सामने आया है उससे पता चलता है कि दक्षिणपंथी संगठन के कार्यकर्ता परिवार से पूछ रहे हैं कि परिवार के कुछ लोगों ने ईसाई धर्म क्यों अपना लिया है।
दक्षिणपंथी संगठन के कार्यकर्ताओं को लगता था कि वे इस परिवार को धमका लेंगे लेकिन परिवार की एक महिला ने इस दबंगई का पुरजोर विरोध किया और उनसे कहा कि यह सब पूछने वाले वे लोग कौन होते हैं।
उस महिला ने कहा कि वह अपना मंगलसूत्र भी निकाल कर किनारे रख सकती है।
महिला ने कहा कि वे किसकी पूजा करें यह उनका अधिकार है। उसने दक्षिणपंथी संगठन के लोगों के द्वारा धर्म परिवर्तन किए जाने के आरोपों को खारिज कर दिया।
एक दूसरी महिला ने इन लोगों से कहा कि वे लोग यहां से चले जाएं। विवाद बढ़ने पर घटना की सूचना पुलिस को दी गई। अभी तक मामले में कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई है।
पुलिस का कहना है कि इस परिवार के कुछ लोग कई सालों से क्रिसमस का त्यौहार मनाते आ रहे हैं। कर्नाटक के भीतर बीते कुछ दिनों में दक्षिणपंथी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने काफी उत्पात किया है। उन्होंने ईसाई समुदाय की किताबों में आग लगाने से लेकर पादरी पर हमला करने तक की कोशिश की है।
कर्नाटक की बीजेपी सरकार हाल ही में विधानसभा में धर्म परिवर्तन से जुड़ा एक विधेयक लेकर आई है। इसका विधानसभा में काफी विरोध भी हुआ था।
सवाल यहां यही है कि एक धर्मनिरपेक्ष मुल्क में किसी संगठन को यह हक किसने दिया है कि वह किसी से यह पूछे कि वह शख्स कोई त्यौहार क्यों मना रहा है। दक्षिणपंथी संगठन बजरंग दल ने भी बीते कुछ दिनों में कर्नाटक से लेकर मध्य प्रदेश तक क्रिसमस का त्यौहार मनाए जाने का पुरजोर विरोध किया है।
बहरहाल, इस महिला ने इन लोगों को यह समझा दिया है कि वे किसी पर दबंगई ना करें वरना उन्हें इसी तरह जवाब दिया जाएगा।
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