कर्नाटक के उडुपी ज़िले के कुंडापुर में एक सरकारी कॉलेज में छात्राओं के कक्षाओं में हिजाब पहनने के अधिकार को लेकर विरोध प्रदर्शन के दौरान घातक हथियार रखने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस का कहना है कि आरोपियों में से कम से कम एक कई बार अपराधों में शामिल रहा है। समझा जाता है कि आरोपी छात्राओं के आंदोलन का हिस्सा नहीं थे।
आरोपियों पर हत्या के प्रयास, घातक हथियार से दंगा करने और आपराधिक साज़िश का आरोप लगाया गया है। वे शुक्रवार को विरोध-प्रदर्शन स्थल के आसपास घूमते हुए देखे गए पाँच लोगों के समूह में शामिल थे।
पिछले एक सप्ताह में ज़िले में कॉलेज के छात्रों द्वारा हिजाब पहनने के अपने अधिकार को लेकर विरोध प्रदर्शन बढ़ गया है। मुसलिम छात्राओं के हिजाब पहनने को लेकर उठे विवाद के बीच हिंदू संगठनों ने हिंदू छात्र छात्राओं को भगवा अंगोछा ओढ़ाकर भेजना शुरू किया है। इस तरह से भगवा अंगोछा पहने विद्यार्थियों को स्कूल जाने को मुसलिम छात्राओं के विरोध के तौर पर देखा जा रहा है।
इन्हीं प्रदर्शनों के बीच अब दो आरोपियों की गिरफ़्तारी की बात सामने आई है। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार उडुपी के एडिशनल एसपी एस टी सिद्धलिंगप्पा ने कहा, 'दो गिरफ्तार किए गए हैं, तीन फरार हैं। हम उनका पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। उनके पास एक चाकू था और वे स्थानीय नहीं थे। वे गंगोली के हैं। उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।'
रिपोर्ट के अनुसार कुंडापुर पुलिस प्राप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई कर रही थी। जब वे धरना स्थल पर पहुंचे तो दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और अन्य तीन मौक़े से भागने में सफल रहे। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से 41 वर्षीय रजब और 32 वर्षीय अब्दुल मजीद हैं। इनके ख़िलाफ़ सात मामले दर्ज हैं। दोनों के ख़िलाफ़ कुंडापुर कस्बे के पास गंगोली गांव के थाने में मामला दर्ज कराया गया था।
बता दें कि शनिवार को कुंडापुर में एक विरोध स्थल के वीडियो में कुछ छात्रों को कॉलेज की वर्दी पर भगवा अंगोछा पहने और कॉलेज जाते समय 'जय श्री राम' के नारे लगाते हुए दिखे थे।
यहाँ पर पहले 40 छात्राओं ने हिजाब पहनकर कुंडापुर में एक कला और विज्ञान महाविद्यालय के द्वार पर विरोध प्रदर्शन किया था। कॉलेज स्टाफ ने छात्राओं को कैंपस के अंदर जाने से मना कर दिया था।
कुंडापुर के एक अन्य कॉलेज में भी इसी तरह के दृश्य सामने आए हैं। सांप्रदायिक तनाव से बचने के लिए मुसलिम छात्रों को बिना हिजाब के कक्षाओं में जाने के लिए कहा गया है। कर्नाटक सरकार ने भी कुछ ऐसा ही कहा है।
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