कर्नाटक के पूर्व उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी ने बुधवार को भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने के अपने फैसले की घोषणा की। बीजेपी ने उन्हें विधानसभा चुनाव में टिकट देने से इनकार कर दिया है। उसके बाद उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला किया है। यह खबर पीटीआई ने दी है। वो कांग्रेस में जा सकते हैं।
उनकी जगह मौजूदा विधायक महेश कुमथल्ली को बेलगावी जिले के अथानी से टिकट दिया गया था।
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पीटीआई के मुताबिक सावदी अथानी से तीन बार के विधायक हैं, लेकिन 2018 के चुनाव में कुमथल्ली (तब कांग्रेस में) से हार गए थे। बाद में कुमथल्ली बीजेपी में चले गए। लेकिन अब बीजेपी ने कुमथल्ली को लक्ष्मण सावदी की जगह महत्व दिया। सावदी ने कहा - मैंने एक निर्णय लिया है। मैंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा कि वह गुरुवार शाम को एक और 'कड़ा फैसला' लेंगे और शुक्रवार से काम करना शुरू कर देंगे। कयास लगाए जा रहे हैं कि वह कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।
कुमथल्ली उन दलबदलुओं के समूह में शामिल थे, जिन्होंने 2019 में बी एस येदियुरप्पा के नेतृत्व में कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन को गिराने और अपनी सरकार बनाने में भाजपा की मदद की थी।
कर्नाटक बीजेपी में प्रत्याशियों की पहली सूची सामने आने के बाद पार्टी के तमाम नेताओं, विधायकों और कार्यकर्ताओं का जबरदस्त असंतोष सामने आया है। राज्य में जगह-जगह टिकट से वंचित नेता, विधायक और उनके समर्थक प्रदर्शन कर रहे हैं।
बीजेपी विधायक महादेवप्पा यादवाद के समर्थकों ने मंगलवार देर रात बेलगावी के रामदुर्ग निर्वाचन क्षेत्र से उन्हें टिकट नहीं दिए जाने को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए चिक्का रेवाना को इस विधानसभा क्षेत्र से टिकट मिला है।
बेलगावी उत्तर से मौजूदा बीजेपी विधायक अनिल बेनाके के समर्थकों ने भी कर्नाटक विधानसभा चुनाव में टिकट से वंचित किए जाने के बाद मंगलवार शाम विरोध प्रदर्शन किया। बीजेपी ने 11 अप्रैल को चुनाव के लिए अपने 189 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी।
कर्नाटक के पूर्व उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता केएस ईश्वरप्पा के राज्य विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने के विरोध में कर्नाटक के शिवमोग्गा में सड़कों पर स्थिति भयावह हो गई है। उनके समर्थक सड़कों पर उतर गए हैं और दो दिन से प्रदर्शन हो रहे हैं। पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा का राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम का पत्र सामने आने के बाद प्रदर्शन शुरू हुए। राज्य में 10 मई को वोट डाले जाएंगे।
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हालांकि बीजेपी सूत्रों का कहना है कि इसी तरह के प्रदर्शन गुजरात विधानसभा चुनाव के समय भी हुए थे, जब कई बीजेपी विधायकों के टिकट काट दिए गए थे। लेकिन जब नतीजे आए तो बीजेपी प्रचंड बहुमत के साथ लौटी।
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