कर्नाटक में 10 मई को मतदान के बाद अधिकतर एग्ज़िट पोल त्रिशंकु विधानसभा की भविष्यवाणी कर रहे थे। एग्ज़िट पोल में जेडीएस को 'किंगमेकर' बनने के कयास लगाए जा रहे थे। कुछ एग्ज़िट पोल तो बीजेपी को बहुमत मिलने की संभावना भी जता रहे थे। लेकिन क्या ऐसा हुआ? तीन बजे तक के रुझानों में जो स्थिति दिख रही है उसमें कहीं भी ये एग्ज़िट पोल सच के क़रीब दिखाई पड़ते हैं? रुझानों में कांग्रेस क़रीब 138, बीजेपी 62 और जेडीएस 20 और अन्य 4 के आँकड़े को छूते दिख रहे हैं।
इन एग्ज़िट पोल के बीच एक सर्वे काफ़ी हद तक इन चुनाव परिणाम के क़रीब दिखता है, लेकिन वह भी कितना सटीक कहा जा सकता है जब पार्टियों के मिलने वाली संभावित सीटों का अंतराल ही 18 रखा गया हो? कर्नाटक के लिए जो सबसे सटीक एग्ज़िट पोल साबित हुआ उसकी चर्चा बाद में, पहले यह देख लें कि बाक़ी सर्वे एजेंसियाँ क्या भविष्यवाणी कर रही थीं।
ये वो सर्वे हैं जो वास्तविक रुझानों के आसपास भी नहीं हैं। इन सर्वे में कांग्रेस को अधिकतम 120 सीटें मिलने के आसार बताए गए जबकि बीजेपी को भी 80-100 सीटें मिलने की संभावना बताई गई थी।
इनमें से एक एग्ज़िट पोल वास्तविक रुझानों के क़रीब दिखा। इंडिया टुडे एक्सिस माय इंडिया के सर्वे के अनुसार कांग्रेस को सबसे ज़्यादा 122-140 सीटें मिलती बताई गईं। इस सर्वे में बीजेपी को 62-80 सीटें, जेडीएस को 20-25 और अन्य को 0-3 सीटें मिलने की संभावना जताई गई। लेकिन पार्टियों को मिलने वाली सीटों का जो अंतराल रखा गया वह काफ़ी ज़्यादा दिखता है। कांग्रेस और बीजेपी को मिलने वाली सीटों का अंतराल 18-18 रखा गया। जबकि जेडीएस का 5 का अंतराल रखा गया। अब इसके आधार पर खुद ही तय किया जा सकता है कि यह एग्ज़िट पोल सटीक होकर भी कितना सटीक है!
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