प्रशासन ने की पुष्टि
इस घटना की पुष्टि करते हुए बेल्लारी के उपायुक्त एस. एस. नकुल ने कहा कि शवों को प्लास्टिक में लपेटना कोरोना दिशा-निर्देशों के अनुकूल ही है, पर इसका एक मानवीय पहलू भी है और उस पक्ष की जाँच की जा रही है।“
‘हमें मानवीय पहलू पर विचार करना है। इसलिए ही जाँच का आदेश दिया गया है। यह सच है कि हमें शवों से मानवीय व्यवहार करने के बारे में भी जागरुकता बढ़ाने की ज़रूरत है।’
एस. एस. नकुल, उपायुक्त, बेल्लारी
जाँच का आदेश
उन्होंने कहा कि ‘हर शव की अंत्येष्टि अलग-अलग की जानी चाहिए थी। शवों के इस तरह अंतिम संस्कार करने वाली टीम को हटा दिया गया है, प्रशिक्षित किए गए लोगों की नई टीम बनाई जा रही है।’मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा ने इस व्यवहार को ‘अमानवीय और दर्दनाक’ क़रार दिया और अपील की कि वे कोरोना से मारे गए लोगों के शवों से अच्छा सलूक करें और उनकी अंत्येष्टि ठीक से करें।
विपक्ष का हमला
इस घटना पर राजनीति भी शुरू हो चुकी है। मुख्य विपक्ष जनता दल सेक्युलर ने सरकार की तीखी आलोचना करते हुए ट्वीट किया, ‘सावधान! यदि आपकी या आपके किसी परिजन की मौत कोरोना से हुई तो बीजेपी की सरकार शव के साथ ऐसा ही सलूक करेगी, आपके शव को दूसरे कई शवों के साथ एक ही गड्ढे में फेंक देगी।’जनता दल सेक्युलर ने तंज करते हुए कहा, ‘सरकार मीडिया में रोज़ाना अच्छी तरह से नियोजित जिस कोरोना प्रबंधन की बात करती है, वह यही है।’
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