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बेंगलुरु में कांग्रेस का घोषणापत्र जारी करते कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे।

कर्नाटकः कांग्रेस घोषणापत्र में बजरंग दल, पीएफआई का जिक्र क्या जरूरी था

कांग्रेस पार्टी ने आज मंगलवार को कर्नाटक चुनाव के लिए अपना घोषणापत्र जारी कर दिया। कांग्रेस के तमाम वादों में जो एक वादा अलग तरह का दिखाई दे रहा है, वो है बजरंग दल और पीएफआई जैसे संगठनों पर बैन। कांग्रेस घोषणापत्र की लाइन है- समाज में कलह बोने वाले समूहों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई, चाहे वह बहुसंख्यक समुदाय से बजरंग दल या अल्पसंख्यक समुदाय से पीएफआई जैसे समूह हों।

कांग्रेस के घोषणापत्र में बजरंग दल और पीएफआई का नाम आने से बीजेपी इसे भी चुनावी मुद्दा बना सकती है। क्योंकि केंद्र सरकार ने पीएफआई पर पहले ही बैन लगा दिया था। जबकि बजरंग दल आरएसएस से जुड़ा अनुषांगिक संगठन है। बीजेपी बजरंग दल पर बैन का डर दिखाकर हिन्दू मतदाताओं को डराकर वोटों का ध्रुवीकरण करा सकती है। कांग्रेस का घोषणापत्र आने के बाद कांग्रेस समर्थक आम लोगों ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि कांग्रेस को इस घोषणा से बचना चाहिए था, क्योंकि बीजेपी इसे भुना सकती है।

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बीजेपी ने कल अपने घोषणापत्र में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) और एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर ) लागू करने की बात कही है। हालांकि बाद में कर्नाटक के एक मंत्री ने कहा कि सत्ता में आने के फौरन बाद एनआरसी नहीं लागू होगा। कई अन्य बीजेपी शासित राज्यों ने यूसीसी और एनआरसी की घोषणा की है लेकिन आज तक लागू नहीं कर पाए हैं। जिसमें यूपी और एमपी सरकार प्रमुख है। दोनों राज्यों में लंबे समय से बीजेपी की सरकार है।

कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में सभी स्वीकृत रिक्त सरकारी पदों को भरने का लक्ष्य रखा है। यह भी कहा गया है कि 2006 के बाद नियुक्त सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) के तहत पेंशन मिलेगी। पुरानी पेंशन स्कीम और रिक्त पदों को भरने का ऐलान बड़ी घोषणाएं हैं।
एआईसीसी अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, एआईसीसी के महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला, केपीसीसी अध्यक्ष डी के शिवकुमार, विधानसभा विपक्ष के नेता सिद्धारमैया, विधान परिषद विपक्ष के नेता बी के हरिप्रसाद और घोषणापत्र समिति के अध्यक्ष जी परमेश्वर ने आज एक होटल में घोषणापत्र को जारी किया।

कांग्रेस के प्रमुख वादे

  • सभी स्वीकृत रिक्त सरकारी पदों को एक वर्ष के भीतर भरा जाना है। 
  • 2006 के बाद नियुक्त सभी सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना। 
  • स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में 15-20 वर्ष से कार्यरत संविदा कर्मियों को स्थायी किया जाएगा। 
  • पुलिस में नियुक्तियां इस तरह की जाएं कि एक तिहाई स्टाफ महिलाएं हों और न्यूनतम एक फीसदी पद थर्ड जेंडर के लिए आरक्षित हों। 
  • साइबर और आर्थिक अपराधों को रोकने के लिए अनुसंधान के लिए 200 करोड़ रुपये का कोष। 
  • समाज में कलह बोने वाले समूहों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई, चाहे वह बहुसंख्यक समुदाय से बजरंग दल या अल्पसंख्यक समुदाय से पीएफआई जैसे समूह हों।
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क़मर वहीद नक़वी
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