एचडी देवेगौड़ा ने गुरुवार को अपने पोते प्रज्वल रेवन्ना को कड़ी चेतावनी दी है और कहा है कि या तो वह पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करें या फिर उनके क्रोध का सामना करने के लिए तैयार रहें।
पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा ने अपने पोते को चेतावनी देने वाले ख़त के स्क्रीनशॉट को एक्स पर साझा किया है। इस ख़त के साथ उन्होंने लिखा है, 'मैंने प्रज्वल रेवन्ना को चेतावनी जारी की है कि वह जहां भी हैं वहां से तुरंत लौट आएं और खुद को कानूनी प्रक्रिया के अधीन कर दें। वह मेरे धैर्य की परीक्षा नहीं लें।'
I have issued a warning to @iPrajwalRevanna to return immediately from wherever he is and subject himself to the legal process. He should not test my patience any further. pic.twitter.com/kCMuNJOvAo
— H D Deve Gowda (@H_D_Devegowda) May 23, 2024
प्रज्वल रेवन्ना पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते हैं। रेवन्ना के खिलाफ कुछ महिलाओं ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। ये महिलाएं रेवन्ना के घर में किचन से लेकर तमाम घरेलू काम तक करती थीं। इनमें से एक महिला ने पुलिस में एफआईआर भी कराई थी। रेवन्ना के यौन उत्पीड़न आरोपों वाले करीब 3000 वीडियो-फोटो एक पेन ड्राइव के जरिए सामने आए हैं। केस दर्ज होने के बाद कर्नाटक सरकार ने एसआईटी गठित की थी।
इस घोटाले ने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है और सत्तारूढ़ कांग्रेस और भाजपा-जेडीएस आपस में भिड़ गए हैं। ऐसा कहा जाता है कि कर्नाटक में लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के एक दिन बाद 27 अप्रैल को प्रज्वल विदेश चले गए थे। वह हासन लोकसभा क्षेत्र से भाजपा-जेडीएस गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार थे, जहां पहले चरण में मतदान हुआ था।
देवेगौड़ा ने अपने पत्र में कहा है कि लोगों ने उनके और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा, 'मैं उन्हें रोकना नहीं चाहता... मैं उनसे बहस करने की कोशिश नहीं करूंगा कि उन्हें सारे तथ्य सामने आने तक इंतजार करना चाहिए था।'
उन्होंने कहा, 'मैं लोगों को यह भी नहीं समझा सकता कि मैं प्रज्वल की गतिविधियों से अनजान था। मैं उन्हें यह विश्वास नहीं दिला सकता कि मुझे उनका बचाव करने की कोई इच्छा नहीं है।'
इस बीच, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक महीने में दूसरा पत्र लिखकर प्रज्वल को जारी राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने का अनुरोध किया है।
ಮಹಿಳೆಯರ ಮೇಲಿನ ದೌರ್ಜನ್ಯ, ಅತ್ಯಾಚಾರದಂತಹ ಗಂಭೀರ ಸ್ವರೂಪದ ಆರೋಪ ಎದುರಿಸುತ್ತಿರುವ ಸಂಸದ ಪ್ರಜ್ವಲ್ ರೇವಣ್ಣ ಅವರು ವಿದೇಶದಲ್ಲಿ ತಲೆಮರೆಸಿಕೊಂಡಿದ್ದು, ಅವರ ರಾಜತಾಂತ್ರಿಕ ಪಾಸ್ಪೋರ್ಟ್ ಅನ್ನು ರದ್ದುಪಡಿಸಿ, ಕಾನೂನಿನಡಿ ವಿಚಾರಣೆ ಎದುರಿಸಲು ಎಸ್ಐಟಿ ಗೆ ಕೇಂದ್ರ ಸರ್ಕಾರ ನೆರವಾಗುವಂತೆ ಪ್ರಧಾನಿ @narendramodi ಅವರಿಗೆ ಪತ್ರದ ಮೂಲಕ… pic.twitter.com/XWlXObDSxx
— Siddaramaiah (@siddaramaiah) May 23, 2024
22 मई को लिखा गया सिद्धारमैया का यह पत्र 1 मई के पहले पत्र के तीन सप्ताह बाद आया है, जिसमें उन्होंने प्रज्वल की हिरासत हासिल करने के लिए केंद्र सरकार से मदद मांगी थी। वह कथित तौर पर यौन शोषण के आरोपों के सिलसिले में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होने से पहले देश छोड़ कर चले गये थे।
सिद्धारमैया ने कहा, 'यह निराशाजनक है कि इस मुद्दे पर इसी तरह की चिंताओं को उठाने वाले मेरे पिछले पत्र पर, मेरी जानकारी के अनुसार, स्थिति की गंभीरता के बावजूद कार्रवाई नहीं की गई है।' यह पत्र सीएमओ द्वारा गुरुवार को साझा किया गया।
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