कर्नाटक में चर्च और ईसाईयों पर हो रहे हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। दक्षिण कर्नाटक के चिकबल्लापुर में स्थित सेंट जोसेफ़ चर्च में गुरूवार सुबह तोड़फोड़ हुई है। चर्च के पादरी फ़ादर जोसेफ़ एंथनी डेनियल ने एनडीटीवी को बताया कि यह घटना सुबह 5.30 बजे हुई है।
फ़ादर ने पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने कहा है कि पहले कभी ऐसी घटना नहीं हुई है। पुलिस ने एफ़आईआर दर्ज कर ली है।
यह चर्च 160 साल पुराना है। चर्च में रखी सेंट एंथनी की मूर्ति को तोड़ दिया गया है।
इस बीच, राज्य सरकार विधानसभा में धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार का संरक्षण विधेयक लेकर आई है। सरकार का कहना है कि यह विधेयक लालच देकर किए जाने वाले धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए लाया गया है।
बीते दिनों में कर्नाटक में कई जगहों पर चर्च और ईसाई समुदाय पर हमले के मामले सामने आए हैं लेकिन राज्य सरकार का कहना है कि ईसाई समुदाय पर उनके धर्म के कारण कोई हमला राज्य में नहीं हुआ है और एक खास मंशा के तहत अभियान चलाने के लिए इन हमलों को दूसरा रंग दिया जा रहा है।
बीते दिनों कोलार में दक्षिणपंथी समूहों से जुड़े लोगों ने ईसाइयों की धार्मिक किताबों में आग लगा दी थी तो इससे पहले कुछ हथियारबंद लोग कर्नाटक के बेलगावी में स्थित एक गिरजाघर के प्रार्थना कक्ष में घुस गए थे।
यूनाइटेड क्रिश्चियन फोरम, एसोसिएशन फ़ॉर प्रोटेक्शन ऑफ़ सिविल राइट्स (एपीसीआर) और यूनाइटेड अगेन्स्ट हेट का कहना है कि इस साल जनवरी से अब तक चर्च और ईसाई समुदाय पर 40 हमले हो चुके हैं।
दूसरे प्रदेशों में भी घटनाएं
कर्नाटक के अलावा कुछ और बीजेपी शासित राज्यों में इस तरह की घटनाएं बीते दिनों में हुई हैं। बीते हफ़्ते हिंदू संगठनों के कई लोग हरियाणा के रोहतक के एक चर्च में घुस गए थे। इनका आरोप था कि चर्च में धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। पुलिस का कहना था कि उसने मामले की जांच की है और इसमें धर्म परिवर्तन जैसा कुछ नहीं मिला है।
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