loader

बेंगलुरु में टिकैत पर स्याही फेंकी, आरोप- 'सरकार की मिलीभगत'

किसान नेता राकेश टिकैत पर सोमवार को तब हमला कर दिया गया जब वह कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस को संबोधित कर रहे थे। टिकैत पर माइक्रोफोन से हमला किया गया और फिर उन पर स्याही फेंकी गई। इसके बाद टिकैत के समर्थक जब उनको बचाने के लिए दौड़े तो वहाँ हंगामा हो गया। एक रिपोर्ट के अनुसार टिकैत के समर्थकों ने स्याही फेंकने वाले की पिटाई कर दी।

सोशल मीडिया पर आए एक वीडियो में एक व्यक्ति को टिकैत के पास जाते और उनके सामने रखे माइक्रोफोन से मारते हुए देखा जा सकता है। फिर दूसरा आदमी उन पर स्याही फेंकता है। 

ताज़ा ख़बरें

इस घटनाक्रम के बीच किसान नेता के समर्थक उनके बचाव के लिए दौड़ पड़े तो अफरा-तफरी मच गई। वीडियो में यह भी देखा जा सकता है कि कार्यक्रम स्थल पर अफरा-तफरी मचने पर कुर्सियों को इधर-उधर फेंका जा रहा है।

कृषि क़ानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का चेहरा रहे राकेश टिकैत ने एक स्टिंग ऑपरेशन के बारे में बोलने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई थी जिसमें कर्नाटक के एक किसान नेता कोडिहल्ली चंद्रशेखर को कथित तौर पर पैसे मांगते हुए पकड़ा गया था। राकेश और युद्धवीर ये कहने पहुंचे थे कि वे इसमें शामिल नहीं हैं और कोडिहल्ली चंद्रशेखर के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जानी चाहिए।

इस मामले में बेंगलुरु पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लिया है। अपने ऊपर फेंके गए स्याही के बाद टिकैत ने राज्य सरकार को इस हमले के लिए ज़िम्मेदार ठहराया है।
कर्नाटक से और ख़बरें

उस हमले के बाद टिकैत ने राज्य की बीजेपी सरकार पर कार्यक्रम स्थल पर सुरक्षा नहीं देने का आरोप लगाया। एएनआई के अनुसार टिकैत ने आरोप लगाया कि "यहाँ स्थानीय पुलिस द्वारा कोई सुरक्षा प्रदान नहीं की गई थी। यह सरकार की मिलीभगत से किया गया है।"

बता दें कि टिकैत पर क़रीब साल भर पहले राजस्थान में भी हमला हुआ था। राजस्थान के अलवर जिले में कुछ लोगों ने राकेश ट‍िकैत का स्वागत करने के बहाने उनकी गाड़ी रुकवा ली। इसके बाद उन लोगों ने टिकैत पर हमला कर दिया था और ट‍िकैत के ऊपर स्याही भी फेंकी गई थी। तब हमलावरों ने उनकी कार के शीशे भी फोड़ दिए थे। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

कर्नाटक से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें