संत शिवमूर्ति शरणारू के ख़िलाफ़ अब एक और एफ़आईआर दर्ज की गई है। चार और नाबालिग लड़कियों ने अब उन पर आरोप लगाया है कि उनके द्वारा वर्षों तक उनका यौन उत्पीड़न किया गया था। एक रिपोर्ट के अनुसार नाबालिग लड़कियों ने आरोप लगाया है कि मुरुगा मठ के प्रमुख शिवमूर्ति शरणारू ने जनवरी 2019 से जून 2022 के बीच कई बार उनका यौन शोषण किया।
इस नए मामले में संत के अलावा मठ के छात्रावास के वार्डन सहित छह को आरोपी बनाया गया है। इन सभी के ख़िलाफ़ यौन अपराधों के ख़िलाफ़ बच्चों के संरक्षण यानी POCSO अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
संत शिवमूर्ति शरणारू को पहले ही गिरफ़्तार किया जा चुका है और वह जेल में हैं। उनकी गिरफ़्तारी तब हुई थी जब दो नाबालिग लड़कियों द्वारा बलात्कार का आरोप लगाए जाने के बाद विरोध-प्रदर्शन हुआ था।
लिंगायत मठ द्वारा संचालित एक स्कूल में पढ़ने वाली दो लड़कियों ने एक गैर सरकारी संगठन 'ओदानदी सेवा संस्थान' से संपर्क किया था। उनके द्वारा आपबीती सुनाए जाने के बाद यह जिला बाल कल्याण समिति के ध्यान में लाया गया, जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया। शिकायत के अनुसार, मुरुगा मठ के छात्रावास में रहने वाली 15 और 16 साल की लड़कियों का साढ़े तीन साल से अधिक समय तक यौन शोषण किया गया। अगस्त महीने में जिला बाल संरक्षण इकाई के एक अधिकारी की शिकायत पर मठ के छात्रावास के वार्डन समेत कुल पाँच लोगों के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज की गयी।
पहले शरणारू को नाबालिगों से जुड़े कथित यौन उत्पीड़न के मामले में हिरासत में लिया गया था, लेकिन तब उन्हें छोड़ दिया गया था। तब हिरासत से छूटने और मठ में लौटने के बाद संत ने मठ में लोगों को संबोधित किया था।
इस बीच रेप के आरोपी साधु के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं करने पर चित्रदुर्ग पुलिस और जिला प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ था। प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि मेडिकल जाँच पूरी होने के बावजूद पुलिस ने ठोस कार्रवाई नहीं की। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने आरोपी संत की गिरफ़्तारी के लिए विरोध-प्रदर्शनों के वीडियो को साझा किया।
शिवमूर्ति शरणारू ने दावा किया है कि उनके ख़िलाफ़ आरोप लंबे समय से चली आ रही साजिश का हिस्सा थे। उन्होंने दावा किया था कि वह निर्दोष साबित होंगे।
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