झारखंड में बढ़ते कोरोना पॉजिटिव मामलों के बीच राज्य के प्रवासी मजदूरों का आना भी शुरू हो गया है। 21 दिनों तक चले लॉकडाउन-1 में राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या सिर्फ 27 थी। लॉकडाउन-2 में 89 मामले और आए। लेकिन लॉकडाउन-3 के शुरुआती महज चार दिनों में 39 नये कोरोना पॉजिटिव मामलों ने राज्य के स्वास्थ्य विभाग की चिंता को बढ़ा दिया। अभी इस चिंता पर चर्चा चल ही रही थी कि 8 मई को कोरोना संक्रमण के मामलों में आई तेजी ने चिंताओं में इजाफा कर दिया।
लाखों प्रवासी मजदूरों का कोरोना टेस्ट करा पाएगी झारखंड सरकार?
- झारखंड
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- 15 May, 2020
झारखंड में बीते कुछ दिनों में कोरोना के जितने मामले आए हैं, उनमें अधिकतर प्रवासी मजदूरों के हैं। ऐसे में राज्य सरकार के सामने लाखों लोगों का टेस्ट कराना एक बड़ी चुनौती है।

8 मई को स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी मेडिकल बुलेटिन के मुताबिक़, झारखंड में एक दिन में सर्वाधिक 22 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं। इसमें 20 केस गढ़वा जिले के हैं, जिसमें ज्यादातर मामले गुजरात के सूरत से लौटे मजदूरों के हैं। 12 मई को भी 11 नये केस मिले। इसमें मुंबई से वापस हजारीबाग के विष्णुगढ़ लौटे 6 प्रवासी मजदूर हैं। 14 मई को एक बार फिर 22 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं। इसमें राज्य में वापस लौटे एक दर्जन से अधिक प्रवासी मजदूर शामिल हैं।