झारखंड के मुख्यमंत्री और उनकी पूरी सरकार को राज्यपाल रमेश बैस कई दिनों से कुढ़न में डाले हुए हैं। अपने नाम से खनन की लीज लेने के मामले में चुनाव आयोग में हेमंत सोरेन के खिलाफ सुनवाई मुकम्मल होने के बाद इस बारे में सिफारिश की काॅपी राज्यपाल को भेजी जा चुकी है।

राज्यपाल के चुप्पी साधने से हेमंत सरकार परेशान है और आरोप लग रहा है कि इससे भाजपा को ऑपरेशन लोटस के लिए समय मिल रहा है।
चार दिन पहले यह खबर भी लीक की गयी कि चुनाव आयोग ने सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द करने का फैसला सुनाया है। चूंकि यह फैसला बंद लिफाफे में राजभवन को भेजा गया इसलिए तरह-तरह की अटकलें लगायी जा रही हैं।
उन अटकलों में यह बात भी शामिल है कि सोरेन के चुनाव लड़ने पर कुछ दिनों के लिए पाबंदी लग सकती है।