इंडिया टुडे-एक्सिस माइ इंडिया ने एग्ज़िट पोल में पाया है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा-कांग्रेस-राष्ट्रीय जनता दल महागठबंधन बड़े ही ज़ोरदार ढंग से चुनाव जीतने जा रही हैं। इन दलों को 38 से 50 सीटें मिल सकती हैं।
इस बार झारखंड विधानसभा की 81 सीटों के लिए मतदान 5 चरणों में हुए। नतीजे की घोषणा 23 दिसंबर को होगी। इस चुनाव में मुख्य दल हैं भारतीय जनता पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा, झारखंड विकास मोर्चा, ऑल इंडिया झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन और कांग्रेस।
पिछली बार 2014 में हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी को 37 सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस को 6 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा। दूसरे दलों को 38 सीटों पर जीत हासिल हुई।
इंडिया टुडे-एक्सिस माइ इंडिया के प्रतिनिधियों ने सभी 81 विधानसभा क्षेत्रों मतदान कर निकल रहे लोगों से सीधी बात की और उनकी राय जानने की कोशिश की। कुल मिला कर 12,489 लोगों से बात की गई, जिसमें 76 प्रतिश पुरुष और 24 प्रतिशत महिलाएँ हैं।
इंडिया टुडे-माइ एक्सिस इंडिया ने सबसे ज़्यादा 33 प्रतिशत उन लोगों से बात की, जिनकी उम्र 26 से 35 साल के बीच थी। इसके बाद 36 से 50 साल की उम्र के 50 प्रतिशत लोग थे।
झारखंड में अंतिम चरण का मतदान शुक्रवार 20 दिसंबर को हुआ। कुल 16 सीटों पर मतदान हुआ और 70.87 फ़ीसदी मतदान हुआ। पहले चरण का चुनाव 30 नवंबर को हुआ था। इसके बाद दूसरे चरण का चुनाव 7 दिसंबर को हुआ और तीसरे चरण का चुनाव 12 दिसंबर को हुआ था। इसके अलावा चौथे चरण का चुनाव 16 दिसंबर को हुआ था।
बीजेपी की करारी हार
इस एग्ज़िट पोल में यह भी पाया गया है कि सत्तारूढ़ बीजेपी को सिर्फ 22 से 32 सीटें मिलती दिख रही हैं। यह अनुमान भी लगाया जा रहा है कि झारखंड विकास मोर्चा को 2-4 सीटें और आजसू को 3-5 सीटें मिल सकती है। अन्य दलों को 4-7 सीटों पर जीत हासिल हो सकती है।वोट प्रतिशत!
इंडिया टुडे-एक्सिस माइ इंडिया ने अपने सर्वे में यह भी पाया है कि विपक्षी महागठबंधन को 37 प्रतिशत वोट मिलने के आसार हैं। बीजेपी को 34 प्रतिशत से ज़्यादा वोट मिलता नहीं दिख रहा है। वहीं, आजसू को 9 प्रतिशत, जेवीएम को 6 और दूसरे दलों को कुल 14 प्रतिशत वोट हासिल हो सकते हैं। अगला मुख्यमंत्री कौन?
इस सर्वे में भाग लेने वाले 29 प्रतिशत लोगों ने मुख्यमंत्री के रूप में जेएमएम के नेता हेमंत सोरेन को चुना है। यानी, सोरेन मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे लोकप्रिय दावेदार हैं।
कांग्रेस नेता और पूर्व गृह राज्य मंत्री आर.पी.एन. सिंह ने इसका कारण बताते हुए कहा कि उनकी पार्टी ने सभी स्थानीय मुद्दे उठाए, जबकि बीजेपी का पूरा प्रचार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के इर्द-गिर्द ही रहा।
क्या कहता है सी वोटर का एग्ज़िट पोल?
दूसरी ओर आईएएनएस-एबीपी-सी वोटर एग्ज़िट पोल के अनुसार, झारखंड त्रिशंकु विधानसभा की ओर बढ़ रहा है, जहाँ किसी दल को स्पष्ट बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है। इस पोल के मुताबिक़, झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के महागठबंधन को 35 सीटें मिल सकती हैं। बीजेपी को 32 सीटें मिलने की संभावना है। इस सर्वे के मुताबिक़, आजसू को 5, जेवीएम को 3 और दूसरे दलों को 6 सीटों पर जीत मिल सकती है।
सर्वे के आधार पर अनुमान लगाया गया है कि जेएमएम और उसके सहयोगी दलों को 34.2 प्रतिशत जबकि बीजेपी को 37.3 प्रतिशत वोट मिलने की संभावना है। जेवीएम को 8.1 और आजसू को 7.1 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं। दूसरे दलों की झोली में 13.4 प्रतिशत वोट गिर सकते हैं।
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