प्रवर्तन निदेशालाय (ईडी) ने पूछताछ के लिए दी गई तारीख बदलने से झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का अनुरोध ठुकरा दिया है। ईडी ने उनसे गुरुवार को ही पेश होने के लिए कहा है। ईडी के सूत्रों ने आज 15 नवंबर मंगलवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने केंद्रीय जांच एजेंसी को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि उन्हें गुरुवार को पेश होने के बजाय एक दिन पहले बुधवार को पेश होने की अनुमति दी जाए।
ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अनुरोध को तकनीकी आधार पर खारिज कर दिया गया है और उन्हें गुरुवार को पेश होने के लिए कहा गया है। ईडी अधिकारियों ने कहा कि हमने गुरुवार को रांची में ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय की सुरक्षा के लिए झारखंड के डीजीपी को भी लिखा है।
ईडी झारखंड में एक कथित अवैध खनन घोटाले की जांच कर रही है। वो पहले ही सोरेन के कई करीबी राजनीतिक सहयोगियों सहित कुछ गिरफ्तारियां कर चुकी है। ईडी ने 1 नवंबर को सोरेन को सम्मन जारी किया था, जिसमें उन्हें 3 नवंबर को पेश होने के लिए कहा गया था। उस दिन हेमंत सोरेन अपनी आधिकारिक व्यस्तताओं का हवाला देते हुए उपस्थित नहीं हुए थे और तीन सप्ताह का समय मांगा था। ईडी ने बाद में दूसरा समन जारी कर सोरेन को 17 नवंबर को पेश होने को कहा।
क्या है मामला?
हेमंत सोरेन पर आरोप है कि उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए जून 2021 में अपने ही नाम खदान का पट्टा आवंटित कर लिया था। इसके खिलाफ बीजेपी नेता रघुवर दास व बाबूलाल मरांडी ने राज्यपाल से शिकायत की थी और कहा था कि इसमें ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का मामला बनता है। बीजेपी ने मांग की थी कि मुख्यमंत्री को अयोग्य घोषित कर दिया जाना चाहिए और भारत के संविधान के अनुच्छेद 191 (e) और रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपल्स एक्ट की धारा 9ए का हवाला दिया था।
ईडी का शिकंजा
जांच एजेंसी ईडी ने अवैध खनन के मामले में पहली गिरफ्तारी अगस्त 2022 में रांची से प्रेम प्रकाश नाम के शख्स की थी। प्रेम प्रकाश को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का बेहद करीबी बताया जाता है। ईडी ने प्रेम प्रकाश के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का भी मुकदमा दर्ज किया है। ईडी ने इसके बाद झारखंड, बिहार, तमिलनाडु और दिल्ली-एनसीआर में अवैध खनन के मामले में 16 जगहों पर छापेमारी की थी। इसके बाद अवैध खनन के मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी ईडी के रडार पर आ गए।
लगातार छापेमारी
ईडी ने कुछ महीने पहले हेमंत सोरेन के करीबी पंकज मिश्रा को गिरफ्तार किया था और लगभग 12 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की थी। 8 जुलाई को ईडी ने झारखंड में कई जगहों पर छापेमारी कर कई अहम दस्तावेज और 5 करोड़ रुपए बरामद किए थे। पिछले कुछ महीनों से ईडी लगातार झारखंड में कई जगहों पर छापेमारी कर रही थी।हालांकि हेमंत सोरेन और उनकी पार्टी का आरोप है कि यह सब बीजेपी के इशारे पर किया जा रहा है। बीजेपी झारखंड में एक आदिवासी-दलित समर्थक सरकार को बर्दाश्त नहीं कर पा रही है। वो केंद्रीय एजेंसियों की मदद से झारखंड की चुनी हुई गैर बीजेपी सरकार को गिराना चाहती है। लेकिन उसकी नापाक कोशिशों का जवाब झारखंड की जनता देगी।
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