श्रीनगर के मेयर ज़ुनैद मट्टू को नज़रबंद कर दिया गया है। उन्होंने एक टेलीविज़न चैनल को दिए एक इंटरव्यू में कश्मीर की स्थिति पर केंद्र सरकार की आलोचना की थी। उन्होंने कश्मीर की स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा था कि 'सड़कों पर लाशें नहीं बिखरी हैं, इसका मतलब यह नहीं कि वहाँ स्थिति सामान्य है।' याद दिला दें कि केंद्र सरकार बार-बार यह दावा करती है कि राज्य में स्थिति बिल्कुल सामान्य है, जबकि राज्य के बड़े इलाक़े में आज भी कर्फ्यू लगा है या धारा 144 लगी हुई है।
अनुच्छेद 370 में संशोधन कर जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म करने के फैसले के दिन 5 अगस्त को ही उन्हें हिरासत में ले लिया गया था। बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया था। लेकिन मंगलवार को एनडीटीवी पर उनका इंटरव्यू चलने के बाद उन्हें फिर नज़रबंद कर दिया गया है। वह जम्मू-कश्मीर पीपल्स कॉनफ्रेंस के प्रवक्ता भी हैं।
उन्होंने मुख्यधारा की राजनीतिक पार्टियों के नेताओं को गिरफ़्तार करने के लिए केंद्र सरकार की तीखी आलोचना की थी। उन्होंने कहा था, 'एक फ़ैसले को लागू करने के लिए जम्मू-कश्मीर को बंद कर लोगों की भावनाओं को दबाने में कामयाब होने का मतलब यह नहीं है कि स्थिति बिल्कुल सामान्य है।' उनकी पार्टी के नेता सज्जाद लोन भी हिरासत में हैं। इसके अलावा पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता महबूबा मुफ़्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला और फ़ारूक अब्दुल्ला को भी नज़रबंद कर दिया गया है। ये तीन ही नेता राज्य के पूर्व मुख्य मंत्री हैं।
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