देश की प्रतिष्ठित भारतीय प्रशासनिक सेवा यानी आईएएस को छोड़कर राजनेता बने शाह फैसल ने अब राजनीति भी छोड़ दी है। उन्होंने ऐसा फ़ैसला क्यों लिया? क्या जम्मू कश्मीर की मौजूदा परिस्थितियों में वह राजनीति करने में सक्षम नहीं थे या फिर उन्हें राजनीति करने की कोई क़ीमत चुकानी पड़ी है? आख़िर उन्हें राजनीति रास क्यों नहीं आई?