उत्तर प्रदेश में भले ही विपक्षी नेता भारत जोड़ो यात्रा से दूर दिखाई दें लेकिन कश्मीर में विपक्षी दल पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी के साथ दिखाई देंगे। जब यह यात्रा कश्मीर में पहुंचेगी तो जम्मू-कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती इसमें शामिल होंगे। बता दें कि भारत जोड़ो यात्रा को कश्मीर के श्रीनगर में समाप्त होना है।
कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, पूर्व मुख्यमंत्री मायावती और आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी को भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने का निमंत्रण दिया था।
लेकिन खबरों के मुताबिक यह नेता यात्रा में शामिल नहीं होंगे। सपा व आरएलडी ने इसके पीछे अपने नेताओं के पहले से तय कार्यक्रमों में व्यस्त होने का हवाला दिया है। जबकि बसपा की ओर से औपचारिक निमंत्रण न मिलने की बात कही गई है।
कांग्रेस ने सपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओमप्रकाश राजभर और बीजेपी नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा को भी यात्रा में शामिल होने का निमंत्रण भेजा है।
भारत जोड़ो यात्रा कुल 3570 किमी. की है। यात्रा 3000 किलोमीटर का सफर तय कर चुकी है। भारत जोड़ो यात्रा में 24 दिसंबर के बाद 9 दिनों का ब्रेक है और अब यह यात्रा 3 जनवरी 2023 को फिर से शुरू होगी।
बताना होगा कि भारत जोड़ो यात्रा तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा का सफर तय करते हुए बीते शनिवार को दिल्ली पहुंची थी।
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर बात की जानकारी दी है कि उन्हें भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने का निमंत्रण मिला है और वह एक बेहतर भारत के लिए इस यात्रा में शामिल होंगी।
Ive been formally invited to join @RahulGandhi ji for his Bharat Jodo Yatra in Kashmir today. Salute his indomitable courage & I believe it is my duty to stand with someone who has the courage to challenge fascist forces. Will be joining him in his march towards a better India.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) December 27, 2022
जब भारत जोड़ो यात्रा महाराष्ट्र में थी तो इसमें शिवसेना के नेता आदित्य ठाकरे के साथ ही एनसीपी नेता सुप्रिया सुले शामिल हुई थीं। पिछले हफ्ते जब यह यात्रा हरियाणा के फरीदाबाद में थी तो इसमें डीएमके की सांसद कनिमोझी भी शामिल हुई थीं। उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि वह इस यात्रा में शामिल होकर बेहद खुश हैं। इस तरह कांग्रेस ने सहयोगी विपक्षी दलों को भी इस यात्रा से जोड़ने की कोशिश की है।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में कुछ महीने बाद विधानसभा के चुनाव हो सकते हैं। 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया गया था और इसके साथ ही राज्य को दो हिस्सों में बांट दिया गया था और पूर्ण राज्य का दर्जा भी खत्म कर दिया गया था। राज्य में जून, 2018 के बाद से ही कोई सरकार अस्तित्व में नहीं है।
अकेले चुनाव लड़ेगी नेशनल कॉन्फ्रेंस
जम्मू-कश्मीर की सियासत में नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी एक दूसरे के राजनीतिक विरोधी रहे हैं लेकिन 2019 में धारा 370 के हटने के बाद बदली हुई परिस्थितियों में यह दल साथ आ गए थे और पीपल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन यानी गुपकार गठबंधन का गठन किया था। इसमें पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेन्स के अलावा जम्मू-कश्मीर पीपल्स कॉन्फ्रेन्स, आवामी नेशनल कॉन्फ्रेन्स और सीपीआईएम शामिल थे। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इस साल अगस्त में कहा था कि वह जम्मू-कश्मीर की सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
जम्मू-कश्मीर पीपल्स कॉन्फ्रेन्स इस गठबंधन से पहले ही अलग हो चुकी है।
आजाद भी उतरेंगे मैदान में
कांग्रेस के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद अपनी नई पार्टी डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी के साथ चुनाव मैदान में उतरने के लिए तैयार हैं। आजाद ने दावा किया था कि कांग्रेस पार्टी के 95 फीसद कार्यकर्ता उनके साथ हैं लेकिन बीते कुछ दिनों में कुछ कांग्रेस नेता उनका साथ छोड़ चुके हैं।
बताना होगा कि जम्मू-कश्मीर में परिसीमन की प्रक्रिया के बाद विधानसभा सीटों की संख्या बढ़ गई है। पहले जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों की संख्या 83 थी और अब यह बढ़कर 90 हो चुकी है।
चुनावी साल है 2023
साल 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले साल 2023 बेहद अहम है। साल 2023 में 10 राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने हैं। इन राज्यों में कर्नाटक, नगालैंड, त्रिपुरा, मेघालय, मिजोरम, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, जम्मू-कश्मीर और तेलंगाना शामिल हैं।
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