उम्मीद की जा रही थी कि चुनाव आयोग केंद्र शासित प्रदेश में चुनावों की घोषणा करेगा, जहां आखिरी बार 2014 में चुनाव हुए थे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
यह पूछे जाने पर कि विधानसभा चुनाव आम चुनाव के साथ क्यों नहीं कराए जा रहे हैं, राजीव कुमार ने कहा कि हर उम्मीदवार को सुरक्षा बल उपलब्ध कराने होंगे, जो ऐसे समय में संभव नहीं है जब पूरे देश में चुनाव हो रहे हों। उन्होंने कहा कि परिसीमन के बाद दिसंबर 2023 में जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम में संशोधन किया गया था और तब से चुनाव आयोग (ईसी) के लिए घड़ी की टिक-टिक सरक रही है।
सीईसी राजीव कुमार ने कहा- "जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 में पारित किया गया था। इसमें 107 सीटों का प्रावधान था, जिनमें से 24 पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में थीं। फिर परिसीमन आयोग आया और सीटों में बदलाव हुआ... पुनर्गठन अधिनियम और परिसीमन में तालमेल नहीं था। यह दिसंबर 2023 में हुआ। इसलिए हमारा मीटर दिसंबर 2023 से चलना शुरू हुआ।''
चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर के लिए लोकसभा चुनाव की 5 सीटों के लिए भी कार्यक्रम की घोषणा की। जम्मू कश्मीर की उधमपुर और जम्मू में 19 और 26 अप्रैल को मतदान होगा। अनंतनाग-राजौरी में 7 मई को, श्रीनगर में 13 मई को और बारामूला में 20 मई को मतदान होगा। लद्दाख में 20 मई को मतदान होगा। वोटों की गिनती 4 जून को होगी।
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