भारत ने रविवार को जम्मू एयर बेस पर हुए ड्रोन हमले के मामले को संयुक्त राष्ट्र के सामने रखा है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र की महासभा को बताया है कि ऐसा मुमकिन है कि हथियारबंद ड्रोन का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिए किया जा रहा है और इस ओर संजीदा होकर ध्यान दिए जाने की ज़रूरत है। इसके अलावा मंगलवार को एक बार फिर जम्मू के तीन इलाक़ों में ड्रोन देखे गए।
केंद्रीय गृह मंत्रालय में विशेष सचिव (आंतरिक सुरक्षा) वीएसके कौमुदी ने मंगलवार को कहा कि आतंकी प्रोपेगेंडा, कट्टरवाद को बढ़ावा देने और कैडर्स की भर्ती के लिए इंटरनेट और सोशल मीडिया का, आतंकवाद के लिए धन इकट्ठा करने के मक़सद से नये जमाने के पेमेंट तरीक़ों का ग़लत इस्तेमाल करना जैसी बातें बेहद गंभीर ख़तरा बनकर सामने आई हैं।
ड्रोन को लेकर उन्होंने कहा कि यह बेहद सस्ता है और आसानी से मिल जाता है और आतंकी गुट अपने ख़तरनाक इरादों को अंजाम देने, ख़ुफ़िया सूचनाएं इकट्ठा करने, हथियारों को एक से दूसरी जगह पहुंचाने में इसका इस्तेमाल करते हैं।
भारत ने कहा है कि ऐसे देश जो आतंकियों के लिए जन्नत बने हुए हैं, उन्हें इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। भारत ने इस ओर भी ध्यान दिलाया कि इंटरनेट और सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स आतंकी गुटों के लिए टूलकिट बन गए हैं।
कौमुदी ने संयुक्त राष्ट्र की महासभा को बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, डीप फेक, ब्लॉक चेन, डार्क वेब जैसी नये जमाने की तकनीकों को लेकर यह जोखिम बना हुआ है कि आंतकी इनका ग़लत इस्तेमाल कर सकते हैं।
जम्मू एयर बेस पर दो धमाके
ऐसा पहली बार हुआ है कि पाकिस्तान में रह रहे आतंकियों ने ड्रोन हमले का सहारा लिया हो। बता दें कि रविवार को जम्मू एयर बेस पर दो धमाके हुए हैं और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इन्हें 'आतंकवादी हमला' क़रार दिया है।
इसके बाद जम्मू में ही रविवार रात को कालूचक मिलिट्री कैंप पर दो ड्रोन दिखाई दिए। इनमें से एक रात के 11.30 बजे जबकि दूसरा 1.30 बजे दिखाई दिया। मौक़े पर तैनात जवानों ने इन ड्रोन को गिराने के लिए फ़ायरिंग की।
पुलिस ने ‘इंडिया टुडे’ को बताया कि कालूचक-पुरमंडल रोड के ऊपर दो क्वाडकोप्टर्स दिखाई दिए और ये कालूचक मिलिट्री कैंप के नज़दीक उड़ रहे थे। इसके बाद सेना के जवानों ने 20-25 राउंड फ़ायरिंग की लेकिन अंधेरे का फ़ायदा उठाकर ये दोनों ड्रोन बच निकले। इन दोनों ड्रोन का पता लगाने के लिए इस पूरे इलाक़े में सर्च ऑपरेशन जारी है।
जम्मू के इलाक़े में विशेषकर सेना के स्टेशनों पर हाई अलर्ट कर दिया गया है।
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