क्या पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद अगले कुछ दिनों में कश्मीर में पहुंचने वाली कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होंगे। आने वाले कुछ दिनों में हरियाणा और पंजाब से होते हुए कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा कश्मीर में प्रवेश करेगी और कश्मीर के विपक्षी दल पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता इस यात्रा में राहुल गांधी के साथ दिखाई देंगे।
कांग्रेस ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती इसमें शामिल होंगे।
इसके बाद यह सवाल खड़ा हुआ है कि क्या गुलाम नबी आजाद भी इस यात्रा के समर्थन में आगे आएंगे।
डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी
आजाद ने इस साल अगस्त में कांग्रेस से इस्तीफा देने के साथ ही पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर जमकर हमले किए थे। आजाद ने पार्टी छोड़ने के पीछे राहुल गांधी को ही जिम्मेदार बताया था। आजाद ने सितंबर में अपनी नई पार्टी बनाई थी और इसका नाम डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी रखा था।
आजाद ने दावा किया था कि कांग्रेस पार्टी के 95 फीसद कार्यकर्ता उनके साथ हैं लेकिन बीते कुछ दिनों में उन्होंने 100 से ज्यादा नेताओं को अपनी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। बाहर होने वाले कई नेता फिर से कांग्रेस के साथ जा सकते हैं। आजाद विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।
अनुभवी नेता हैं आजाद
आजाद जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के अध्यक्ष रहने के साथ ही मुख्यमंत्री, केंद्र सरकार में कई बार मंत्री, कई राज्यों में कांग्रेस के प्रभारी, कांग्रेस में फैसले लेने वाली सर्वोच्च संस्था सीडब्ल्यूसी के लंबे वक्त तक सदस्य, राज्यसभा में विपक्ष के नेता, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सहित तमाम बड़े पदों पर रहे थे।
कांग्रेस का कहना है कि वह बीजेपी और आरएसएस की विभाजनकारी राजनीति और नफरत की विचारधारा के खिलाफ भारत जोड़ो यात्रा निकाल रही है। जम्मू-कश्मीर में अब कुछ ही महीने के भीतर विधानसभा के चुनाव हो सकते हैं और धारा 370 हटने के बाद और परिसीमन होने के बाद राज्य के सियासी हालात बदले हुए हैं। ऐसे में जब नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हो रहे हैं तो सेक्युलर छवि रखने वाले गुलाम नबी आजाद भी क्या इस यात्रा के साथ आएंगे, यह सवाल जम्मू-कश्मीर के सियासी हलकों में पूछा जा रहा है।
5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया गया था और इसके साथ ही राज्य को दो हिस्सों में बांट दिया गया था और पूर्ण राज्य का दर्जा भी खत्म कर दिया गया था। राज्य में जून, 2018 के बाद से ही कोई सरकार अस्तित्व में नहीं है।
गुलाम नबी आजाद ने ऐलान किया है कि उनकी पार्टी विधानसभा चुनाव में अकेले दम पर मैदान में उतरेगी। जबकि एक वक्त में गुपकार गठबंधन में शामिल रहे नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी की राहें भी जुदा हो गई हैं। लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी का भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी के साथ आने का ऐलान करना यह बताता है कि वह विपक्षी एकता का संदेश देना चाहते हैं।
ऐसे में गुलाम नबी आजाद इस बारे में क्या कदम उठाएंगे, इस पर सभी की नजरें लगी हुई हैं।
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