पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फ़ैसल को बुधवार दोपहर को दिल्ली एयरपोर्ट से हिरासत में ले लिया गया और वहाँ से उन्हें कश्मीर वापस भेज दिया गया। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, फ़ैसल इस्तांबुल जाने की कोशिश में थे लेकिन उन्हें देश छोड़ने से पहले ही हिरासत में ले लिया गया और कश्मीर में नज़रबंद कर दिया गया। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाये जाने के बाद से ही शाह फ़ैसल केंद्र सरकार के फ़ैसले पर सवाल उठा रहे हैं। फैसल ने कहा था कि सरकार के फ़ैसले से अस्सी लाख लोग घरों में क़ैद हो गए हैं।
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शाह फैसल ने इसी साल भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) से इस्तीफ़ा दिया था और नई राजनीतिक पार्टी बनाई थी। पार्टी का नाम रखा था - जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (जेकेपीएम)। शाह फैसल जम्मू-कश्मीर में काफ़ी सक्रिय हैं और राज्य में विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे हुए हैं। पहले यह माना जा रहा था कि उनकी पार्टी 2019 का लोकसभा चुनाव भी लड़ेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
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अनुच्छेद 370 को हटाये जाने के बाद शाह फ़ैसल ने एक फ़ेसबुक पोस्ट में कहा था कि कश्मीर में अभूतपूर्व बंद है और लोग केंद्र सरकार के इस फ़ैसले से सदमे में हैं और सभी लोग अनुच्छेद 370 को हटाये जाने से बेहद दुखी हैं। फ़ैसल ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर से पूर्ण राज्य का दर्जा वापस लिये जाने के कारण भी लोग बेहद दुखी हैं। उन्होंने कहा था कि पिछले 70 सालों में यह भारत का जम्मू-कश्मीर के साथ सबसे बड़ा धोखा है। पूर्व आईएएस अधिकारी ने यह भी कहा था कि हम फिर से लड़ेंगे।
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