जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में बुधवार को आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में 4 जवान शहीद हो गए। इसमें से एक सेना के मेजर हैं। सीमावर्ती जिले में जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षा बलों द्वारा चलाए जा रहे संयुक्त अभियान में कुछ और सैनिक भी घायल हो गए हैं। इसमें एक आतंकवादी मारा गया।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि मृतक अधिकारी 63 राष्ट्रीय राइफल्स से थे और घायलों को अस्पताल ले जाया गया है।
राजौरी जिले के बाजी मॉल जंगलों में यह भीषण मुठभेड़ हुई। आतंकवादी खुद को छुपाने के लिए घने जंगलों का उपयोग करते हैं। वन क्षेत्र में आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में खुफिया जानकारी मिलने के बाद सेना के विशेष बलों और पुलिस द्वारा संयुक्त अभियान शुरू किया गया था।
विशेष बल मेजर के शव को निकालने के लिए गए तो आतंकवादियों ने उन पर भी गोलियां चलाईं, जिसमें तीन सैनिक घायल हो गए थे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इन तीन घायलों में से एक जवान ने बाद में दम तोड़ दिया।
इससे पहले शुक्रवार को राजौरी के बुद्धल इलाके में एक आतंकी मारा गया था। मारे गए आतंकवादी के पास से एक एके-47 राइफल, तीन मैगजीन, तीन ग्रेनेड और एक थैली बरामद हुई थी। उसके साथी भाग गए थे।
दो महीने पहले भी जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों के साथ भीषण गोलीबारी में तीन अधिकारी शहीद हो गए थे। शहीद हुए तीन अधिकारियों में एक कर्नल व एक मेजर और एक पुलिस उपाधीक्षक शामिल थे। तब अनंतनाग जिले के कोकेरनाग इलाक़े में वह मुठभेड़ हुई थी।
तब कार्रवाई में सेना के राजस्थान राइफल्स यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर (कर्नल), एक कंपनी कमांडर (मेजर) और एक जम्मू-कश्मीर पुलिस डीएसपी शहीद हो गए थे। कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष, जम्मू-कश्मीर पुलिस के उपाधीक्षक हुमायूं भट गोलीबारी में गंभीर रूप से घायल हुए थे और बाद में उनकी मृत्यु हो गई थी।'
बता दें कि पिछले हफ्ते ही जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में दो दिनों तक मुठभेड़ में पाँच आतंकवादियों को ढेर कर दिया था। पुलिस ने शुक्रवार को कहा है कि आतंकिवादियों के पास से आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई। आशंका जताई गई कि आतंकवादियों का संबंध लश्कर से हो सकता है।
क़रीब एक पखवाड़ा पहले ही दक्षिण कश्मीर के शोपियां में मुठभेड़ में एक आतंकवादी मारा गया था। जम्मू कश्मीर पुलिस ने कहा था कि मारा गया आतंकवादी द रेजिस्टेंस फ्रंट का था। इस फ्रंट के बारे में पुलिस का दावा है कि यह लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा समूह है।
क़रीब महीने भर पहले ही पाँच आतंकवादियों को रक्षा बलों ने ढेर किया था। तब जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा यानी एलओसी पर पुलिस और सेना ने घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया था। इसने घुसपैठ विरोधी अभियान के दौरान लश्कर के पांच आतंकवादी मार गिराए थे। पुलिस के मुताबिक, मारे गए आतंकवादी लश्कर-ए-तैयबा के थे।
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