अनुच्छेद 370 में बदलाव के बाद से हिरासत में लिए गए लोगों की याचिकाओं पर जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट में क्या तेज़ी दिखाई दे रही है? ये वे याचिकाएँ हैं जो देश के हर नागरिक को यह अधिकार देता है कि वह अपनी सुरक्षा के लिए सरकार के गिरफ़्तारी या हिरासत के आदेश को चुनौती दे। ये याचिकाएँ हैं हैबियस कॉर्पस यानी बन्दी प्रत्यक्षीकरण की। यह नागरिकों को बिना किसी आरोप के हिरासत में लेने की सरकार के असीमित अधिकार के ख़िलाफ़ संविधान में सुरक्षा की गारंटी देती है। देश में उच्च न्यायालयों को विशेष रूप से इस रिट यानी याचिका से संबंधित आदेश जारी करने, तेज़ी से कार्य करने का अधिकार है। उच्च न्यायालय को यह अधिकार है कि वह हिरासत में लिए गए व्यक्ति को कोर्ट के सामने पेश करने और उचित क़ानूनी प्रक्रिया को पालन करने का सरकार को आदेश दे।