दुष्कर्म का आरोप झेल रहे बीजेपी के पूर्व सांसद और मंत्री रह चुके स्वामी चिन्मयानंद को आख़िरकार शुक्रवार को गिरफ़्तार कर लिया गया। उनकी गिरफ़्तारी शाहजहाँपुर स्थित उनके मुमुक्षु आश्रम से ही हुई है। पुलिस कड़ी सुरक्षा में उनको जाँच के लिए शाहजहाँपुर अस्पताल ले गई। एसआईटी ने आईपीसी की धारा 376सी, 342 (ग़लत), 354डी और 506 के तहत मामला दर्ज किया है। बलात्कार का आरोप लगाने वाली 23 वर्षीय पीड़िता ने कुछ दिनों पहले ही कहा था कि उसके पास पूर्व सांसद के कम से कम 35 वीडियो हैं। पीड़िता ने कहा था कि उसे उम्मीद है कि इन वीडियो के आधार पर उसे इंसाफ़ ज़रूर मिलेगा। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम यानी एसआईटी जाँच कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट को इसकी निगरानी करने के लिए कहा है। कोर्ट ने अगले आदेश तक उत्तर प्रदेश पुलिस को लड़की और उसके परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने को कहा था।
चिन्मयानंद से पुलिस ने 12 सितंबर को क़रीब सात घंटे पूछताछ की थी। बलात्कार के आरोप लगाए जाने के क़रीब 15 दिन बाद यह पूछताछ एसआईटी ने की थी। हाल में लड़की ने आरोप लगाया है कि चिन्मयानंद ने ब्लैकमेल करके एक साल से ज़्यादा समय तक बलात्कार किया था। इसके साथ ही लड़की ने कई और आरोप लगाए हैं।
शाहजहाँपुर के स्वामी सुखदेवानंद पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज में क़ानून की छात्रा इस पीड़िता ने पिछले महीने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद माँगी थी। स्वामी चिन्मयानंद इस कॉलेज की प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हैं। वीडियो में उन्होंने एक संन्यासी द्वारा लड़कियों की ज़िंदगी बर्बाद करने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है। इसके बाद शनिवार को वह लड़की एकाएक ग़ायब हो गई थी। लड़की के पिता ने बीजेपी के पूर्व सांसद चिन्मयानंद के ख़िलाफ़ रिपोर्ट दी थी। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने अपहरण और आपराधिक धमकी देने का मामला दर्ज किया था, लेकिन बलात्कार का मामला दर्ज नहीं किया है। बाद में लड़की राजस्थान में मिली थी और मामले की सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट के जजों ने उससे मुलाक़ात की थी।
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