ऑनलाइन रिटेल या ई कॉमर्स कारोबार में हंगामा मचा हुआ है। एमेजॉन और फ्लिपकार्ट से लेकर रिलायंस के जियो मार्ट और टाटा के बिग बास्केट तक परेशान हैं। यह लिस्ट और लंबी है।

देश में ऑनलाइन खरीदारी का कारोबार हर साल 25 प्रतिशत या ज़्यादा रफ़्तार से बढ़ रहा है। एक अनुमान है कि 2026 तक यह बाज़ार करीब 20 हज़ार करोड़ डॉलर या करीब 15 लाख करोड़ रुपये का हो चुका होगा।
इन सबके बीच खलबली की वजह है उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की तरफ से जारी ई कॉमर्स गाइडलाइन्स का नया ड्राफ्ट। पिछले साल ही उपभोक्ता संरक्षण नियमावली आई थी और एक साल के भीतर ही सरकार ने उसमे भारी फेरबदल के साथ नए नियमों का खाका सामने रख दिया है।
इसमें इन कंपनियों पर कई तरह की पाबंदियाँ साफ दिख रही हैं। सरकार की नज़र से देखें तो यह उपभोक्ता के अधिकारों को बढ़ानेवाले नियम हैं। कंपनियों की नज़र से यह नई नियमावली उनके लिए काम करना ही मुश्किल कर देगी।