सरकार ऐसा करके 1.6 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व हासिल करना चाहती है जिससे वह कोरोना संकट के कारण ख़राब हुए आर्थिक हालात को कुछ हद तक संभाल सके।
मार्च, 2020 के बाद यह दूसरी बार है जब केंद्र सरकार ने उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी की है। मार्च में सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर 3-3 रुपये का उत्पाद शुल्क बढ़ाया था और लगभग 39 हज़ार करोड़ रुपये जुटाए थे।
इसके अलावा पेट्रोल पर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क 2 रुपये और डीजल पर 5 रुपये प्रति लीटर बढ़ाया गया है। रोड सेस भी 8 रुपये प्रति लीटर बढ़ा दिया गया है।
कुल मिलाकर पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 32.98 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 31.83 रुपये प्रति लीटर बढ़ाया गया है। 2014 में जब मोदी सरकार सत्ता में आई थी तब पेट्रोल पर टैक्स 9.48 रुपये प्रति लीटर था जबकि डीजल पर यह 3.56 रुपये प्रति लीटर था।
सरकार ने नवंबर, 2014 और जनवरी, 2016 के बीच पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क को 9 बार बढ़ाया था। इससे सरकार को 2014-15 में मिला 99,000 करोड़ का उत्पाद शुल्क 2016-17 में बढ़कर 2,42,000 करोड़ हो गया था।
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