भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेंस स्टाफ़ सहित कई मुख्यमंत्रियों, खुसूसी अधिकारियों की जासूसी कर रही एक चीनी कंपनी ज़ेनहुआ की नज़र भारत के कई वर्तमान व पूर्व न्यायाधीशों और अर्थव्यवस्था से जुड़े स्टार्ट अप्स पर भी है। ड्रैगन आख़िर ये सब क्यों कर रहा है, उसे भारत की न्यायपालिका से जुड़े लोगों या भारतीय स्टार्ट अप्स की जानकारी से क्या हासिल होगा। जानकार इसे 'हाइब्रिड वारफेयर' बताते हैं और इसका मक़सद किसी देश से युद्ध किए बिना या बिना सैनिकों का इस्तेमाल किए उस पर अपना दबदबा कायम करना बताया जाता है।
सावधान: सीजेआई सहित 30 जजों, स्टार्ट अप्स, ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म पर भी है चीन की नज़र
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- 16 Sep, 2020
भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सहित कई अहम लोगों की जासूसी कर रही एक चीनी कंपनी ज़ेनहुआ की नज़र भारत के कई वर्तमान व पूर्व न्यायाधीशों और अर्थव्यवस्था से जुड़े स्टार्ट अप्स पर भी है।

बहरहाल, अंग्रेजी अख़बार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ ने इसे लेकर एक और खुलासा करते हुए कहा है कि यह चीनी कंपनी 30 न्यायाधीशों को भी ट्रैक कर रही है। इनमें वर्तमान सीजेआई एसए बोबडे, सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज जस्टिस ए.एम.खानविलकर, राजस्थान हाई कोर्ट के जज संदीप मेहता, इलाहाबाद हाई कोर्ट की जज सुनीता अग्रवाल, सुप्रीम कोर्ट के चार रिटायर्ड जज जो वर्तमान में अहम पदों पर बैठे हैं, उन पर ज़ेनहुआ द्वारा बनाए गए ओवरसीज की इनफ़ॉर्मेशन डाटाबेस (ओकेआईडीबी) की नज़र है।