क्या भारत के ग्रामीण इलाक़ों में संकट बढ़ रहा है और रोजगार के मौक़े लगातार कम होते जा रहे हैं। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) में मजदूरी करने वाले युवाओं की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इनमें 18 से 30 साल तक के युवा शामिल हैं। मनरेगा में रोज़गार के लिए आने वाले युवाओं की संख्या गिरती जा रही थी लेकिन नोटबंदी और जीएसटी के बाद बड़ी संख्या में युवा इसमें आ रहे हैं। इससे सवाल यह खड़ा होता है कि क्या रोज़गार के अवसर इतने कम हो गए हैं कि युवा मनरेगा में काम करने के लिए जा रहे हैं क्योंकि सरकार की इस योजना में एक तो महीने में पूरे दिन काम नहीं मिलता, दूसरा मजदूरी भी काफी कम होती है।