लव जिहाद पर जारी बहस के बीच उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने धर्म परिवर्तन से जुड़ा अध्यादेश पारित कर दिया है। इस अध्यादेश में लव जिहाद का जिक्र नहीं है लेकिन प्रावधान ऐसे हैं कि अगर कोई किसी लड़की का जबरन धर्मांतरण कराता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। योगी आदित्यनाथ सरकार के बड़े राजनीतिक दांव की तरह देखे जाने वाले इस अध्यादेश में एक से दस साल तक की सजा के प्रावधान भी किए गये हैं।
लव जिहाद: कोर्ट में नहीं टिकेगा योगी का अध्यादेश!
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- 27 Nov, 2020

लव जिहाद पर जारी बहस के बीच उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने धर्म परिवर्तन से जुड़ा अध्यादेश पारित कर दिया है।
लेकिन कानून के जानकार सरकार के इस फ़ैसले को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। आइए, जानें सुप्रीम कोर्ट के वकीलों ने लव जिहाद कानून पर क्या कहा।
सीनियर एडवोकेट दिनेश द्विवेदी कहते हैं, “कथित लव जिहाद पर लाया गया ये अध्यादेश पूरी तरह से संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 का उल्लंघन करता है, जो दो वयस्क महिला और पुरुष को उनकी पंसद की शादी करने का न केवल अधिकार देता है बल्कि किसी भी तरह के दबाव, जबरदस्ती से भी शादी करने वाले महिला-पुरुष को संरक्षित करता है।”