प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच होने वाली बातचीत से क्या दोनों देशों के बीच विश्वास बढ़ेगा और रिश्ते मजबूत होंगे? क्या भारत अपना निर्यात बढ़ाने के लिए कोई रियायत हासिल कर पाएगा? क्या कश्मीर जैसे संवेदनशील मुद्दों पर चीन भारत का साथ न दे तो कम से कम शांत हो बैठ जाएगा? इन सवालों के जवाब तो बातचीत के बाद ही निकल पाएंगे, पर दोनों देशों के बीच कश्मीर की वजह से बनी तनातनी कम होने के आसार हैं।