विश्व बैंक ने कोरोना संकट से लड़ने के लिए भारत को 1 अरब डॉलर की मदद दी है। अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान ने शुक्रवार को इस बारे में जानकारी दी। इस मदद को मिलाकर भारत अब तक विश्व बैंक से 2 अरब डॉलर की रकम हासिल कर चुका है।
भारत में विश्व बैंक के निदेशक जुनैद अहमद ने इस बारे में कहा कि विश्व बैंक भारत के साथ 3 क्षेत्रों में भागीदारी करेगा। ये हैं - स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा और सूक्ष्म, लघु और छोटे उद्योग यानी एमएसएमई।
उन्होंने कहा कि कोरोना संकट की वजह से दुनिया भर में सरकारों को सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन को लागू करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। उन्होंने कहा कि कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए उठाए गए इन क़दमों का असर अर्थव्यवस्था और नौकरी पर भी पड़ा है, ख़ासकर असंगठित क्षेत्र में।
विश्व बैंक से मदद मिलने के बाद यह माना जा रहा है कि प्रवासी मजदूरों, ग़रीबों को भी राहत मिलेगी। क्योंकि उन्हें राशन के साथ कुछ पैसे नक़द दिए जाने की भी मांग लगातार उठ रही है। प्रवासी मजदूरों को राशन की परेशानियों को देखते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को बताया था कि सरकार वन नेशन, वन राशन कार्ड शुरू करने जा रही है। उन्होंने कहा था कि मार्च 2021 तक इससे 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को फायदा होगा।
लॉकडाउन की वजह से कई जगहों पर प्रवासी मजदूरों को राशन न मिलने के कारण मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है और वे अपने घरों की ओर लौटने के लिए मजबूर हैं।
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