दुनिया के तमाम देशों की तरह भारत में भी श्रमशक्ति के मामले में महिलाओं की हिस्सेदारी अच्छी ख़ासी है, लेकिन उनके शोषण के जितने आयाम उन्हें देवी का दर्जा देने वाले हमारे देश में हैं, उतने किसी और देश में नहीं हैं।