क्या आपको याद है कि दिल्ली पुलिस हाल ही में राहुल गांधी को नोटिस देने उनके घर तक पहुँच गई थी। वह नोटिस इसलिए था कि उन्होंने एक भाषण में इतना भर कहा था कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान दुष्कर्म पीड़िताएँ मिली थीं और उनसे अपना दुखड़ा सुनाया था। दिल्ली पुलिस का वह नोटिस इसलिए था क्योंकि उसने राहुल के उस भाषण का स्वत: संज्ञान लिया था। लेकिन इधर, देश के लिए गोल्ड मेडल लाने वाली महिला पहलवान कथित यौन उत्पीड़न करने वाले के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग कर रही हैं, लेकिन दिल्ली पुलिस पर 'मौन' रहने का आरोप लग रहा है। अब इसी दिल्ली पुलिस पर शिकायत करने वाली महिला पहलवानों और कार्रवाई की मांग करने वाले अन्य पहलवानों के साथ मारपीट करने का आरोप लगा है।
गोल्ड मेडलिस्टों की शिकायत पर भी बृजभूषण पर पुलिस कार्रवाई क्यों नहीं?
- देश
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- 4 May, 2023
महिला पहलवानों के कथित सेक्सुअल हैरेसमेंट करने वाले के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों से बदसलूकी, मारपीट करने का मामला आया है। शिकायतर्काओं से ही मारपीट और आरोपी पर कार्रवाई क्यों नहीं?

तो सवाल है कि आख़िर दिल्ली पुलिस का इस मामले में कैसा रवैया है? इस मामले में क़ानून क्या कहता है और बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ कार्रवाई उस तरह से क्यों नहीं हो पा रही है जिस तरह की पहलवान चाहते हैं? इस मामले में एफ़आईआर हुई भी तो सुप्रीम कोर्ट के दखल और फटकार के बाद क्यों?