व्हाइट हाउस के सुरक्षा प्रवक्ता जॉन किर्बी ने व्हाइट हाउस की वॉल स्ट्रीट जनरल की रिपोर्टर सबरीना सिद्दीकी को निशाना बनाकर की गई ऑनलाइन ट्रोलिंग के बारे में कहा, "यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है और यह लोकतंत्र के सिद्धांतों के विपरीत है... जिसे पिछले हफ्ते पीएम मोकी की राजकीय यात्रा के दौरान प्रदर्शित किया गया था।"
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव कैरिन जीन-पियरे ने बाद में कहा कि "हम प्रेस की स्वतंत्रता के लिए प्रतिबद्ध हैं" और "किसी पत्रकार को डराने-धमकाने या परेशान करने के किसी भी प्रयास की निंदा करते हैं।"
पीएम मोदी भारत में प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं करते हैं। पिछले नौ वर्षों के शासनकाल में बतौर प्रधानमंत्री उन्होंने कभी प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की। लेकिन अभी जब वो अमेरिका की राजकीय यात्रा के दौरान माहौल कुछ ऐसा बना कि वो व्हाइट हाउस द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने पहुंच गए। व्हाइट हाउस में उसी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सबरीना सिद्दीकी ने भारत में धार्मिक अल्पसंख्यक अधिकारों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बारे में चिंता जताई। सिद्दीकी ने कहा, "ऐसे कई मानवाधिकार समूह हैं जो कहते हैं कि आपकी सरकार ने धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव किया है और अपने आलोचकों को चुप कराने की कोशिश की है।" फिर पूछा कि "आप और आपकी सरकार मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यकों के अधिकारों में सुधार के लिए क्या कदम उठाने को तैयार हैं।"
पत्रकारों को शायद ही कभी जवाब देने वाले मोदी ने इस सवाल पर आश्चर्य व्यक्त किया। मोदी ने सिद्दीकी के जवाब में एक अनुवादक के माध्यम से कहा, "भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों में, न तो जाति, पंथ, या उम्र या किसी भी प्रकार की भौगोलिक स्थिति के आधार पर कोई भेदभाव है।"
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