‘वक़्फ़ बोर्ड’ का ये सब संशोधन भी बस एक बहाना है
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 8, 2024
रक्षा, रेल, नज़ूल लैंड की तरह ज़मीन बेचना निशाना है
वक़्फ़ बोर्ड की ज़मीनें, डिफ़ेंस लैंड, रेल लैंड, नज़ूल लैंड के बाद ‘भाजपाइयों के लाभार्थ योजना’ की शृंखला की एक और कड़ी मात्र हैं। भाजपा क्यों नहीं खुलकर लिख देती : ‘भाजपाई-हित… pic.twitter.com/VwK3YyWAG5
फैजाबाद (अयोध्या) से समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद पासी ने कहा कि यह विधेयक सरकार द्वारा वक्फ संपत्ति पर अतिक्रमण करने का एक प्रयास है। उन्होंने कहा, ''बिल को संसद में पेश होने दीजिए, समाजवादी पार्टी अपना रुख स्पष्ट कर देगी।''
शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि विधेयक पर सभी स्टेकहोल्डर्स से परामर्श किया जाना चाहिए और जरूरत पड़ने पर संशोधन किया जाना चाहिए। प्रियंका ने कहा- "जिस तरह से यह बिल लाया जा रहा है, मैं पूछूंगी कि क्या इस पर उनके गठबंधन (एनडीए) के भीतर चर्चा हुई है। क्या जेडीयू और टीडीपी ने इस वक्फ बिल को देखा है और अपनी सहमति दी है? अगर ऐसा नहीं किया गया है, तो सभी स्टेकहोल्डर्स, सांसदों को अवश्य सुना जाना चाहिए।"
कांग्रेस सांसद के. सुरेश का कहना है, ''बुधवार को बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने हमें बताया कि सरकार गुरुवार को प्रश्नकाल के बाद वक्फ एक्ट संशोधन बिल लोकसभा में पेश करेगी। कांग्रेस, टीएमसी समेत विपक्षी पार्टियां, एनसीपी (एससीपी), समाजवादी पार्टी और डीएमके ने बिल का विरोध किया। हमने बैठक में कहा कि यह जल्दबाजी में लिया गया फैसला है, बिना संबंधित मुस्लिम संगठनों और संबंधित स्टेकहोल्डर्स से चर्चा के, आप किसी राजनीतिक लाभ या ध्रुवीकरण के लिए यह बिल ला रहे हैं। हमने मांग की कि इस बिल को मूल्यांकन या गहन सत्यापन के लिए स्थायी समिति के पास भेजा जाए... पूरा विपक्ष इस बिल का पुरजोर विरोध कर रहा है...।”
आरजेडी सांसद मीसा भारती का कहना है, "इंडिया गठबंधन के दल और आरजेडी इस विधेयक का विरोध करेंगे। सरकार बेरोजगारी, महंगाई के मुद्दों पर बात नहीं कर रही है..." झारखंड मुक्ति मोर्चा सांसद महुआ माझी का कहना है, "किसी विशेष धर्म को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए...।"
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