यूक्रेन में मारे गए छात्र नवीन शेखरप्पा ज्ञानगौदर के परिवार को अब अपने बेटे के पार्थिव शरीर का इंतजार है। हालांकि भारत सरकार ने कहा है कि नवीन के शव को लाने में अभी दो-तीन दिन लगेंगे, लेकिन जैसे ही कोई फ्लाइट यूक्रेन बॉर्डर से भारतीय छात्रों को लेकर आती है तो उनकी उम्मीद बढ़ जाती है कि शायद उनके बेटे का शव आज ही आ जाए।

नवीन खारकीव में उस वक्त मिसाइल हमले की चपेट में आए, जब वो खाने-पीने का सामान खरीदने लाइन में लगे हुए थे। नवीन बहुत आसानी से लौट सकते थे लेकिन उन्होंने सोचा कि पहले उनके जूनियर साथी चले जाएं तो वो बाद में चले जाएंगे लेकिन वह मौका कभी नहीं आया। उसके जूनियर साथी तो आ गए लेकिन नवीन यूक्रेन में चिर निद्रा में सो गया।