ओलंपिक में मुकाबले के दूसरे दिन बुधवार 7 अगस्त को जब फोगट का वजन किया गया तो उनका वजन 100- 150 ग्राम अधिक पाया गया। उन्हें फौरन ओलंपिक स्वर्ण पदक मुकाबले के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया। विनेश को अब कोई भी ओलंपिक पदक नहीं मिलेगा।
विनेश के बारे में बुधवार सुबह जो पहली खबर आई थी, उसमें कहा गया था कि विनेश फोगाट फाइनल में पहुंचने के बाद पूरी रात सोई नहीं और अतिरिक्त 2 किलो वजन कम करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही थीं। पूरी रात उन्होंने साइकिलिंग की, वेट लिफ्टिंग की लेकिन वजन फिर भी कम नहीं हुआ। उसके बाद वो निराश होती गईं और अंत में बेहोश हो गईं। हालांकि भारतीय ओलंपिक कमेटी के अधिकारी यही कह रहे हैं कि डीहाइड्रेशन के कारण ऐसा हुआ है। लेकिन सवाल यही है कि भारतीय ओलंपिक दल के साथ गए डॉक्टर और अन्य मेडिकल स्टाफ वहां किसलिए गया था। क्या वो एक खिलाड़ी का उस समय भी ख्याल नहीं रख सके जब वो फाइनल में पहुंच चुकी थी।
सारे मामले में कुछ न कुछ अजीबोगरीब बात है। विनेश फिलहाल ओलंपिक विलेज के पॉलीक्लिनिक में आराम कर रही हैं, जहां उनकी हालत स्थिर है। अफसोस की बात है कि भारतीय दल के पास फैसले के खिलाफ अपील करने का कोई विकल्प नहीं है। यानी अगर उनकी सेहत ठीक रहती तो अपील हो सकती थी। यहां पर फिर सवाल खड़ा होता है कि भारतीय टीम के साथ गए डॉक्टर क्या कर रहे थे।
किसान नेता राकेश टिकैत इस पूरे मामले में साजिश देख रहे हैं। राकेश टिकैत ने सोशल मीडिया पर लिखा हैः यह एक बेहद दुखद खबर है की देश की बेटी को कोई अखाड़े के मैदान में नहीं हरा पाया लेकिन साजिश के अखाड़े में हरा दिया गया है। देश का एक मेडल आज राजनीति का शिकार हो गया। यह देश इस दिन को कभी नहीं भूल सकता।
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