महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के मामले में आख़िर चल क्या रहा है? आरोपी पर एफ़आईआर नहीं हुई। जाँच समिति पर सवाल उठे। देश के लिए स्वर्ण पदक लाने वाले कई पहलवान देश की सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। महिला पहलवान बिलख रही हैं। क्या उनके आँसू काफ़ी नहीं हैं? क्या यह देश को झकझोरने के लिए काफ़ी नहीं है? क्रिकेटरों जैसी शख्सियतों को झकझोरने के लिए काफ़ी नहीं है? कुछ ऐसे ही बड़े सवाल पहलवान खड़े कर रहे हैं।
स्टार क्रिकेटरों और अन्य शीर्ष खिलाड़ियों की चुप्पी की ओर इशारा करते हुए विश्व चैम्पियनशिप पदक विजेता विनेश फोगट ने कहा कि उन्हें यह देखकर पीड़ा हुई कि जो सत्ता में हैं उनके ख़िलाफ़ खड़ा होने का उनको साहस नहीं है। पहलवान विनेश फोगट, बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक, रवि दहिया और दीपक पुनिया बृजभूषण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और सरकार से कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं।
यौन उत्पीड़न के ख़िलाफ़ प्रदर्शन को लेकर विनेश फोगट ने बुधवार को द इंडियन एक्सप्रेस आइडिया एक्सचेंज प्रोग्राम में कहा, 'पूरा देश क्रिकेट की पूजा करता है लेकिन एक भी क्रिकेटर ने बात नहीं की है। हम यह नहीं कह रहे हैं कि आप हमारे पक्ष में बोलें, लेकिन कम से कम एक तटस्थ संदेश दें और कहें कि किसी भी पार्टी के लिए न्याय होना चाहिए। यही मुझे पीड़ा देता है… चाहे वह क्रिकेटर्स हों, बैडमिंटन खिलाड़ी हों, एथलेटिक्स हों, बॉक्सर हों …।'
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने 'ब्लैक लाइव्स मैटर' आंदोलन का उदाहरण दिया जो शुरू तो हुआ था अमेरिका में, लेकिन दुनिया भर के खिलाड़ियों ने नस्लवाद और भेदभाव से लड़ने के लिए एकजुटता दिखाई। उन्होंने पूछा, 'ऐसा नहीं है कि हमारे देश में बड़े एथलीट नहीं हैं। क्रिकेटर हैं... अमेरिका में ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन के दौरान उन्होंने अपना समर्थन दिखाया था। क्या हम इतने भी लायक नहीं हैं।'
विनेश ने यह भी कहा कि उन्होंने और बजरंग ने खुले पत्र लिखे थे और वीडियो पोस्ट किए थे, जिसमें खिलाड़ियों से बोलने का अनुरोध किया गया था। उन्होंने कहा, 'लेकिन हम नहीं जानते कि वे किससे डरते हैं। मैं समझती हूं कि वे चिंतित हो सकते हैं कि इससे उनके प्रायोजन और ब्रांड प्रचार सौदे प्रभावित हो सकते हैं। शायद इसीलिए वे विरोध करने वाले एथलीटों के साथ खुद को जोड़ने से डरते हैं। लेकिन यह मुझे पीड़ा देता है।'
अंग्रेजी अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार विनेश ने कहा,
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जब हम कुछ जीतते हैं तो आप हमें बधाई देने के लिए आगे आते हैं। यहां तक कि क्रिकेटर भी ऐसा होने पर ट्वीट करते हैं। अभी क्या हो गया? क्या आप सिस्टम से इतना डरते हैं? या हो सकता है कि वहां भी कुछ गड़बड़ चल रहा हो? उनके दाल में भी काला है, ये मान के चलें हम?
विनेश फोगट, महिला पहलवान
विनेश ने साफ़ संदेश देते हुए कहा कि अगली पीढ़ी के फायदे के लिए सिस्टम को साफ करने की जिम्मेदारी देश के प्रमुख एथलीटों की है। उन्होंने कहा कि अगर सभी एथलीट यहां विरोध में बैठेंगे तो पूरा सिस्टम ध्वस्त हो जाएगा और इसे चलाने वाले चैन से सो नहीं पाएंगे।
विनेश ने कहा, 'लोग कहते हैं पहलवानों का दिमाग घुटनो में होता है। लेकिन मैं कहूंगी कि हमारा दिल (दिल), दिमाग (दिमाग)... सब कुछ सही जगह पर है। अन्य एथलीटों को यह जांचने की जरूरत है कि उनका दिमाग कहां है। दिल तो उनके पास है ही नहीं।' उन्होंने कहा कि जिन खिलाड़ियों में अभी अपनी बात कहने का 'साहस' नहीं है, उन्हें भविष्य में पदक जीतने पर उन्हें 'बधाई' नहीं देनी चाहिए।
बता दें कि गुरुवार को भारत के पूर्व क्रिकेट कप्तान कपिल देव ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर तीनों पहलवानों की एक तस्वीर पोस्ट की, जिसके कैप्शन में लिखा था: "क्या उन्हें कभी न्याय मिलेगा?'
As athletes, we train hard every day to represent our country on the international stage. It is deeply concerning to see our athletes finding it necessary to protest on the streets regarding the allegations of harassment in the Indian wrestling administration. My heart goes out…
— Abhinav A. Bindra OLY (@Abhinav_Bindra) April 26, 2023
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