सीएएस पंचाट नियमों के अनुच्छेद 18 का हवाला देते हुए यह कहा गया है कि, 'पैनल आवेदन दाखिल करने के 24 घंटे के भीतर निर्णय देगा। असाधारण मामलों में, परिस्थितियों के अनुसार एड हॉक डिवीजन के अध्यक्ष द्वारा इस समय सीमा को बढ़ाया जा सकता है।' निर्धारित वजन से 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण स्वर्ण पदक मुकाबले से अयोग्य घोषित किए जाने के बाद भारतीय ओलंपिक संघ द्वारा समर्थित विनेश फोगाट ने सीएएस में निर्णय के खिलाफ अपील की थी। यह खेल का सर्वोच्च न्यायालय है।
ठीक एक सप्ताह पहले, विनेश ने कुश्ती की दुनिया में तब तहलका मचा दिया था, जब उन्होंने मौजूदा चैंपियन और विश्व नंबर एक खिलाड़ी यूई सुसाकी को हराया था। विनेश फोगाट ओलंपिक फाइनल में जगह बनाने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बन गई थी। लेकिन अगली सुबह उन्हें महिलाओं के 50 किग्रा फ्रीस्टाइल स्वर्ण-पदक मुकाबले से बाहर कर दिया गया, क्योंकि उनका वजन 100 ग्राम ज्यादा पाया गया था।
विनेश ने तीन मुकाबलों के दौरान बढ़े हुए वजन को कम करने के लिए पूरी ताकत लगा दी और इस दौरान वो डीहाइड्रेशन का शिकार हो गईं। जिससे वो बेहोश हो गईं। उन्हें खेल गांव के अंदर एक पॉलीक्लिनिक में भर्ती कराया गया। ठीक होने पर, उन्होंने सीएएस में अपील की और क्यूबा के पहलवान युस्नेलिस गुज़मैन लोपेज़ के साथ संयुक्त सिल्वर मेडल की मांग की, जो सेमीफाइनल में विनेश से हार गई थी लेकिन विनेश के अयोग्य होने के बाद अंतिम मुकाबले में उनको जगह मिल गई थी।
विनेश सीएएस में अपनी अपील के कारण पेरिस में ही रुक गई थीं। अपील पिछले सप्ताह की शुरुआत में स्वीकार कर ली गई थी, और पहलवान शुक्रवार को सुनवाई के दौरान मौजूद भी थी। उनका प्रतिनिधित्व वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे और विदुषपत सिंघानिया ने किया और ऑस्ट्रेलिया की एकमात्र मध्यस्थ डॉ. एनाबेले बेनेट ने तीन घंटे की सुनवाई के दौरान मामले की सभी दलीलें सुनीं।
स्पोर्ट्स कोर्ट सीएएस को शनिवार को फैसले की घोषणा करनी थी, लेकिन बाद में उन्होंने समय सीमा मंगलवार भारतीय समय के अनुसार 9:30 बजे तक बढ़ा दी थी। अब फिर से इस समय सीमा को 16 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया गया है।
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