मुकेश अंबानी के छोटे बेटे अनंत अंबानी के फ्लैगशिप प्रोजेक्ट वनतारा इन दिनों चर्चा या बेहतर कहें तो विवाद का विषय बना हुआ है। जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका औपचारिक उद्घाटन किया है वनतारा पर बात चलती जा रही है। बातें ही केवल नहीं हो रही हैं, सवाल भी उठ रहे हैं। यह सवाल देश-विदेश से उठाए जा रहे हैं। सबसे ताजा मामला वेनेजुएला की एक पत्रिका में छपी रिपोर्ट का है। इस रिपोर्ट के अनुसार मुकेश अंबानी को वेनेजुएला की सरकारी PDVSA का सबसे प्रमुख ग्राहक होने का एक अनोखा बोनस मिलता है। यह बोनस है वेनेजुएला से हजारों जानवरों का उनके जामनगर वाले चिड़ियाघर भेजा जाना। हालाँकि पिछले दिनों आरटीआई को मिली जानकारी के अनुसार यह पता चला था कि वनतारा भारत की सरकार के अधीन किसी भी चिड़ियाघर का नाम नहीं है।
इस रिपोर्ट में यह भी लिखा है कि मुकेश अंबानी और वेनेजुएला के बीच यह व्यापार प्राइवेट संस्थाओं के माध्यम से होता है, जिसे दोनों देशों के बीच हुए एक समझौते का संरक्षण मिला हुआ है। इस समझौते को वेनेजुएला के इकोसिस्टम मंत्रालय की स्वीकृति भी मिली हुई है।
इस रिपोर्ट में खुलासा किया गया था कि 18 मई 2024 की सुबह वेनेजुएला के कराकास शहर से सटे सिमोन बोलिवार अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक ऐसा जहाज़ उड़ा जिसमें 1825 जीवित जानवर सवार थे। ये जानवर लगभग 62 प्रजातियों के थे। इन्हें पोलिश मालवाहक एयरलाइन SkyTaxi के बोइंग 767 विमान में लादा गया था।
इन जानवरों में 12 ओरिनोको मगरमच्छ, 50 विशाल ऊदबिलाव, 13 ओसेलोट नामक जंगली बिल्ली, 20 मिलिट्री मैकॉ, 50 स्कारलेट मैकॉ, दो हार्पी ईगल, 75 जायंट एंटईटर भालू, 25 टैपीर, 94 स्पाइडर बंदर, 15 सफेद चेहरे वाले कपुचिन बंदर और 138 अराउ कछुए शामिल थे। इन प्रजातियों में से कई को अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) द्वारा संकटग्रस्त प्रजाति या अत्यधिक संकटग्रस्त प्रजातियों की श्रेणी में रखा गया है।
यह रिपोर्ट वेनेजुएला की अरमांडो इन्फो और जर्मनी की सूडॉयचे ज़ाइटुंग नामक पत्रिकाओं ने मिलकर तैयार की है। यह उनकी खोजी पत्रकारिता का परिणाम है। जर्मन पत्रिका ने वनतारा को लेकर कई महत्वपूर्ण सवाल उठाए थे, मसलन–
- भारत में वनतारा को संकट में फंसे जानवरों के लिए एक लग्ज़री आश्रय स्थल बनाया गया है। जिसकी दुनिया के सबसे अमीर परिवारों में से एक द्वारा फंडिंग की जा रही है। लेकिन क्या वास्तव में हजारों जानवरों को बचाया गया है? यह एक ऐसा अस्पष्ट चिड़ियाघर प्रोजेक्ट है जिसके जरिये जंगली जानवरों के ग्लोबल स्मगलिंग का खतरा है।
- गुजरात के जामनगर में 1200 हेक्टेयर में फैले इस कथित चिड़ियाघर में 1500 फुटबॉल के मैदान समा सकते हैं। यह ज़मीन अंबानी की रिलायंस रिफाइनरी को पौधे लगाने के लिए दी गई थी। लेकिन अब यहां चिड़ियाघर बन गया है।
- यहाँ लगभग 200 हाथी, 300 बड़ी बिल्लियाँ जिनमें शेर, बाघ और तेंदुए शामिल हैं। साथ ही गैंडे, मगरमच्छ और अनगिनत पक्षी और सरीसृप रहते हैं। कुल मिलाकर, यहाँ 100 से अधिक प्रजातियों के 43,000 से अधिक जानवर हैं।
- वनतारा के संचालकों का दावा है कि कई जानवर सर्कस या खराब प्रबंधित चिड़ियाघरों से आए हैं और उन्हें दुर्व्यवहार से बचाया गया है। कुछ जानवरों के बारे में कहा जाता है कि वे जंगल में घायल हो गए थे या अवैध तस्करी से जब्त किए गए थे। जबकि कई जानवरों का मूल स्रोत अभी भी स्पष्ट नहीं है। यानी उनके बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है कि उन्हें कहां से लाया गया है।
- वनतारा में जानवर ऐसी स्थितियों में रह रहे हैं जो अधिकांश पारंपरिक चिड़ियाघरों में अकल्पनीय हैं: यानी विशाल स्थान, विशेष देखभाल और 500 से अधिक पशु डॉक्टरों और रखवालों की टीम क्या सरकारी चिड़ियाघरों में संभव है।
इस व्यापार को लेकर वेनेजुएला की मैगज़ीन ने यह भी लिखा है कि वेनेजुएला की क्रिएडेरो सैन अंटोनियो नाम की कंपनी ने भारत की ‘ग्रीन्स ज़ूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलटेशन सेंटर’ और ‘राधे कृष्णा टेंपल एलिफैन्ट वेल्फेयर ट्रस्ट’ को दो इन्वाइस 17 मई 2024 को ज़ारी किए थे। ये दोनों संस्थाएं वनतारा नामक भारत के सबसे बड़े वन्यजीव अभयारण्य से जुड़ी हुई हैं।
ग्रीन्स और राधे दोनों पिछले एक दशक से भारत में दुर्व्यवहार का शिकार हुए जानवरों, विशेषकर हाथियों के बचाव और देखभाल का कार्य कर रही हैं। हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने दुनिया भर के वन्यजीवों का एक विशाल संग्रह भी तैयार कर लिया है, ये वन्यजीव अमूमन वनतारा में हैं।
इस रिपोर्ट में यह बात हाइलाईट की गई है कि वनतारा जिस जगह पर मौजूद है वह चिंताजनक है। यह रिलायंस इंडस्ट्रीज के पेट्रोकेमिकल रिफाइनिंग परिसर के भीतर स्थित है। यह दुनिया का सबसे बड़ा रिफाइनिंग कॉम्प्लेक्स है, जो गुजरात के जामनगर में स्थित है। यह कंपनी वेनेजुएला की सरकारी तेल कंपनी PDVSA से भारी मात्रा में कच्चा तेल खरीदती है। इसके मालिक मुकेश अंबानी हैं।
हालांकि रिपोर्ट यह बात भी कहती है कि वेनेजुएला से भारत के वनतारा भेजे गये सभी जानवरों के शिपमेंट को आधिकारिक स्वीकृति हासिल है। वेनेजुएला के इको-सोशियलिज़्म मंत्रालय के अनुसार सभी जरूरी परमिट जानवरों के इस एक्सपोर्ट के लिए दिए गये थे।
इन सभी परमिट के होने के बाद भी कई सवाल हैं जो सिर उठा रहे हैं। क्या विलुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण के नाम पर उन्हें दूसरे देशों के चिड़ियाघरों में स्थानांतरित करना नैतिक रूप से उचित है?
हालिया खुलासों के मुताबिक वनतारा चिड़ियाघर नहीं है। अब यहाँ यह भी सवाल है कि किस आधार पर वनतारा विलुप्तप्राय जानवरों का आयात कर रहा है? यह चिड़ियाघर नहीं है तो क्या है? क्या वनतारा को किसी तरह का राजनैतिक संरक्षण मिला हुआ है?
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