इस बार लोकसभा चुनाव जीतने के बाद अपने पहले भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी के सांसदों को संबोधित करते हुए अपने पुराने नारे में कुछ सुधार किया था। पिछली सरकार में वह ‘सबका साथ, सबका विकास’ की बात कहते थे तो इस बार उन्होंने इसमें ‘सबका विश्वास’ को भी जोड़ा। प्रधानमंत्री ने भाषण में कहा था कि देश के अल्पसंख्यकों के साथ लंबे समय तक छल हुआ और उन्हें भ्रमित और भयभीत रखा गया। प्रधानमंत्री ने कहा था कि उनकी सरकार को इस छल में छेद करना है और अल्पसंख्यकों का विश्वास जीतना है।