प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल की यह विशेषता रही कि उन्होंने योजनाओं की झड़ी-सी लगा दी थी। यही नहीं, इनमें से उनकी अधिकाँश योजनाओं के पूरा होने की समय-सीमा उनके 5 साल के कार्यकाल को पार कर 2022 रखी गयी। इस समय-सीमा को लेकर विपक्षी दल चुटकी भी लेते थे, लेकिन मोदी ने लोकसभा चुनाव जीत कर अपनी सरकार का कार्यकाल 2024 तक कर लिया। अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या मोदी की वे महत्वाकांक्षी योजनाएँ 2022 में पूरी हो पाएँगी? जून 2015 में नरेंद्र मोदी ने स्मार्ट सिटी परियोजना की घोषणा करते हुए 2022 तक 100 स्मार्ट सिटी बनाने की बात की थी। इनमें कितने शहर स्मार्ट सिटी बन गए या नहीं? यह अलग सवाल है लेकिन सरकार के पीएलएफएस (पीरिऑडिक लेबर फ़ोर्स सर्वे) के जो आँकड़े आये हैं उनसे लगता है कि देश के शहरों पर आने वाले समय में और अधिक भार तेज़ी से बढ़ने वाला है। क्योंकि शहरों की तरफ़ पलायन और तेज़ी से बढ़ने वाला है। यानी हमारे जो शहर हैं वे और तेज़ी से बद से बदतर हालात की तरफ़ बढ़ने वाले हैं।