शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने गोधरा जैसी घटना को अंजाम देने की साजिश की चेतावनी दी है। उनके इस दावे ने नया सियासी विवाद खड़ा कर दिया है।
उद्धव ठाकरे ने दावा किया है कि अयोध्या में राममंदिर के उद्घाटन समारोह में पूरे देश से बसों और ट्रेनों में हिंदुओं को बुलाया जायेगा।
इसमें शामिल होकर वापस लौट रहे लोगों के साथ रास्ते में कहीं ‘‘गोधरा जैसी’’ घटना हो सकती है। उन्होंने कहा है कि, हो सकता है वे किसी कॉलोनी में बसें जला देंगे, पत्थर फेंक देंगे। इसके बाद कत्लेआम हो जायेगा। देश में फिर से आग लगेगी और वे इन लपटों पर अपनी राजनीतिक रोटी सेंकेंगे।
उनके इस बयान ने नया विवाद खड़ा कर दिया है और भाजपा नेता उन पर हमलावर हैं। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बन रहे राम मंदिर का उद्घाटन जनवरी 2024 में होने की संभावना है। इसके उद्घाटन समारोह में देश भर से बड़ी संख्या में लोगों के जुटने की उम्मीद की जा रही है।
27 फरवरी, 2002 को गुजरात के गोधरा स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस से अयोध्या से लौट रहे कारसेवकों पर हमला हुआ था। साबरमती एक्सप्रेस के उस डिब्बे में आग लगा दी गई थी जिसमें कारसेवक सवार थे। इसके बाद पूरे राज्य में बड़े पैमाने पर दंगे भड़क उठे थे।
जाने क्या कहा उद्धव ठाकरे ने
प्राप्त जानकारी के मुताबिक जलगांव में उद्धव ठाकरे ने दावा किया कि, ऐसी संभावना है कि सरकार राम मंदिर उद्घाटन के लिए बसों और ट्रकों में बड़ी संख्या में लोगों को आमंत्रित कर सकती है।उनकी वापसी यात्रा के दौरान ‘गोधरा जैसी’ घटना हो सकती है। राम मंदिर का उद्घाटन लोकसभा के चुनाव से कुछ महीने पहले जनवरी 2024 में होने की संभावना है।
उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके पास ऐसी हस्तियां नहीं हैं, जिन्हें लोग अपना आदर्श मान सकें। जिसके करण वे सरदार पटेल और नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसे दिग्गजों को अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब वे मेरे पिता बाल ठाकरे की विरासत पर दावा करने की कोशिश कर रहे हैं।
सरदार पटेल की प्रतिमा का आकार मायने नहीं रखता, बल्कि उनकी उपलब्धियां मायने रखती हैं।उद्धव ठाकरे ने भाजपा पर इशारा करते हुए कहा कि ये लोग सरदार पटेल की महानता हासिल करने के करीब भी नहीं हैं।
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भाजपा नेताओं ने की उद्धव के दावे की आलोचना
उद्धव ठाकरे के इस दावे पर भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने तीखी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि बालासाहेब ठाकरे ने राम मंदिर आंदोलन को आशीर्वाद दिया था। उन्होंने कहा कि वह भगवान राम से उन्हें सद्बुद्धि देने के लिए प्रार्थना करेंगे।उद्धव ठाकरे की इस टिप्पणी पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि मुझे नहीं पता कि बालासाहेब ने क्या सोचा होगा। सत्ता के लालच में उद्धवजी क्या कर रहे हैं? गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने भी उनके इस दावे की आलोचना की है।
भाजपा नेताओं के द्वारा हाल के दिनों में कई मौके पर उद्धव ठाकरे की आलोचना की जा चुकी है। वहीं उद्धव ठाकरे भी समय-समय पर भाजपा और इसके नेताओं पर निशाना साध चुके हैं।
उद्धव ठाकरे कभी भाजपा गठबंधन का हिस्सा थे। बाद के दिनों में भाजपा से उनकी दोस्ती टूट गई और वे विपक्षी दलों के गठबंधन का हिस्सा बने। कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना गठबंधन की सरकार में वे मुख्यमंत्री भी बने।
वहीं बाद के दिनों में उनकी पार्टी शिवसेना में ही बगावत हो गई और भाजपा के सहयोग से शिवसेना के बागी एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने। आज शिवसेना दो टुकड़ों में बंट गई है।
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अयोध्या में बन रहा है भव्य राम मंदिर
2019 में सुप्रीम कोर्ट के एक ऐतिहासिक फैसले के बाद अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ हुआ था। अभी अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण चल रहा था।मंदिर के निर्माण के लिए देश भर से चंदे भी इक्ट्ठा किये गये हैं। देश भर से आए कारीगर दिन-रात मेहनत कर के इसका निर्माण कर रहे हैं। प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका शिलान्यास किया था।
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण भाजपा के चुनावी ऐजेंडे में दशकों से रहा है। इसको लेकर वह बीतें वर्षों में आंदोलनों का भी हिस्सा रही है।
अब जनवरी 2024 में अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन होने की संभावना है। भाजपा इसे 2024 के लोकसभा चुनाव में अपनी बड़ी उपलब्धि के तौर पर दिखा सकती है।
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