कर्नाटक में भाजपा और जेडीएस के बीच गठबंधन होगा। इसकी पुष्टि सोमवार 11 सितंबर को जेडीएस सुप्रीमो और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने कर दी है।
इसके साथ ही बीते कई दिनों से इस गठबंधन को लेकर चल रही अटकलों और बयानबाजी पर विराम लग गया है। अब भाजपा और जेडीएस आगामी लोकसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ेंगी।
एचडी देवेगौड़ा ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच साथ चुनाव लड़ने पर सहमति बन चुकी है।
लोकसभा चुनाव में जेडीएस कितनी सीटों पर लड़ेगी, इस पर मैं पीएम मोदी से बातचीत के बाद फैसला करूंगा।
जेडीएस सुप्रीमो एचडी देवेगौड़ा ने कहा कि मैंने यह फैसला पार्टी के अस्तित्व को बचाने के लिए किया है।
वहीं उन्होंने विपक्षी पार्टियों के इंडिया गठबंधन को लेकर कहा कि मैं इतना बड़ा सेक्युलर नेता हूं, इसके बावजूद मुझसे गठबंधन का हिस्सा बनने के लिए कांग्रेस ने संपर्क तक नहीं किया।
8 सितंबर को बीएस येदियुरप्पा ने किया था गठबंधन का दावा
पिछले 8 सितंबर को पहली बार खबर आयी थी कि कर्नाटक में भाजपा और जद (एस) या जेडीएस के बीच गठबंधन पर सहमति बन गयी है और दोनों ही दल अब 2024 का लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ेंगे।
उसी दिन सामने आया था कि दोनों के बीच हुए समझौते के मुताबिक कर्नाटक में लोकसभा की कुल 28 सीटों में से भाजपा 24 और जेडीएस मात्र 4 सीट पर चुनाव लड़ेगी।
इस गठबंधन की पुष्टि 8 सितंबर को कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्य में भाजपा का चेहरा बीएस येदियुरप्पा ने कर दी थी।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने 8 सितंबर को जेडीएस से भाजपा के गठबंधन की बात कही थी।
उन्होंने कहा था कि भाजपा 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के नेतृत्व वाले जद (एस) के साथ समझौता करेगी।
भाजपा संसदीय बोर्ड के नेता और चार बार मुख्यमंत्री रहे येदियुरप्पा ने कहा था कि चुनावी समझ के तहत, जद (एस) कर्नाटक में चार लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जद (एस) को चार लोकसभा सीटें देने पर सहमत हो गए हैं।
कुमारस्वामी ने येदियुरप्पा के बयान को नकार दिया था
भाजपा और जेडीएस के गठबंधन होने के बीएस येदियुरप्पा के दावे को जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने 9 सितंबर तो नकार दिया था।
उन्होंने येदियुरप्पा के दावे को उनकी निजी प्रतिक्रिया करार दिया था। उन्होंने कहा था कि अभी तक दोनों दलों में सीटों के बंटवारे के बारे में कोई चर्चा नहीं हुई है।
हम दो या तीन बार मिले हैं, लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है।
जेडीएस नेता कुमारस्वामी ने भाजपा के साथ गठबंधन को लेकर कहा था कि हम साथ आ रहे रहे हैं या नहीं, इसे बाद में देखते हैं। लेकिन राज्य के लोगों को हमारे साथ आने की जरूरत है क्योंकि कांग्रेस राज्य को लूट रही है।
उन्होंने कहा था कि लोगों को विकल्प की जरूरत है। कुमारस्वामी ने कहा था कि मैंने 2006 में भाजपा से हाथ मिलाया था। मेरे 20 महीने के काम-काज के कारण राज्य में एक अच्छी छवि बनी हुई है।
भाजपा को कर्नाटक से मिली थी 25 सीट
2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने कर्नाटक में 25 सीटें जीतकर अपनी शानदार कामयाबी का परचम लहराया था। इसके साथ ही उसके समर्थित निर्दलीय ने एक सीट पर जीत हासिल की थी।
वहीं कांग्रेस और जद(एस) ने 2019 का लोकसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ा था। उस चुनाव में कांग्रेस 21 सीटों पर और जद(एस ) 7 सीटों पर लड़ी थी। उनके बीच गठबंधन के बावजूद बीते लोकसभा चुनाव में दोनों को मात्र एक-एक सीट पर ही जीत मिली थी।
अब पांच वर्ष बाद जेडीएस 2024 के लोकसभा चुनाव में मात्र 4 सीट पर ही लड़ेगी। इस तरह से वह पिछले के मुकाबले करीब आधी सीटों पर ही चुनाव में उतरेगी। पिछले लोकसभा चुनाव में 9.74 प्रतिशत वोट मिले थे। ऐसे में जेडीएस का अब अच्छा-खासा प्रभाव राज्य में माना जा रहा है। इस गठबंधन के होने से कांग्रेस के लिए चुनौती बढ़ेगी। वहीं भाजपा पहले से ज्यादा मजबूत होकर सामने आ सकती है।
पहले से ही थी इस गठबंधन की उम्मीद
इस वर्ष कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को भारी बहुमत मिला था। कांग्रेस ने 224 सदस्यों वाली विधानसभा में 135 सीटें जीत कर अपने दम पर सरकार बनाई है।वहीं चुनाव में भाजपा और जद (एस) को बड़ी हार का मुंह देखना पड़ा था। जेडीएस विधानसभा चुनाव में 19 सीटों पर सिमट गई थी। इसके बाद से ही भाजपा और जद (एस) के बीच गठबंधन होने की संभावना जताई जा रही थी। पिछले दिनों जब इंडिया गठबंधन का गठन किया गया तब राजनीतिक विश्लेषकों का मानना था कि अब जद (एस) एनडीए गठबंधन का हिस्सा बन सकता है। हालांकि भाजपा ने पिछले 18 जुलाई को भाजपा की अगुवाई में नई दिल्ली में 38 एनडीए दलों की बैठक हुई तो इसमें जेडीएस को निमंत्रण तक नहीं दिया गया था। भाजपा ने उन्हें निमंत्रण पर चुप्पी साध ली थी।
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