राहुल गांधी का आख़िरी ट्वीट 6 जुलाई का दिख रहा है। कांग्रेस ने पहले ही आरोप लगाया है कि ट्विटर ने राहुल का ट्विटर खाता अस्थायी तौर पर बंद कर दिया है। तब से कांग्रेस इसके ख़िलाफ़ प्रदर्शन भी कर रही है। और ट्विटर ने आज यानी बुधवार को ही अदालत से कहा है कि इसने दुष्कर्म पीड़िता के परिजनों के साथ राहुल की तसवीर वाले ट्वीट को हटा दिया है और राहुल का ट्विटर खाता लॉक्ड यानी बंद कर दिया है। ट्विटर की ओर से यह बयान उनके वकील ने दिया है।
तस्वीर पोस्ट करने के लिए राहुल के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज करने सहित दूसरी क़ानूनी कार्रवाई की मांग वाली एक याचिका पर सुनवाई के दौरान ट्विटर की ओर से पेश वकील ने यह बयान दिया है।
जब से यह मामला आया है तब से इस पर काफ़ी विवाद है। कांग्रेस की ओर से ट्विटर पर सरकार के दबाव में राहुल गांधी के ट्वीट के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने का आरोप लगाया गया है। सबसे पहले यह मामला तब सामने आया था जब कांग्रेस ने पिछले हफ़्ते शनिवार को कहा था कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी का ट्विटर खाता 'टेम्परेरली लॉक्ड' यानी अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया। हालाँकि इससे पहले पार्टी ने दावा किया था कि राहुल का खाता 'टेम्परेरली सस्पेंडेड' यानी अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया था। लेकिन बाद में कांग्रेस ने इसमें सुधार कर एक अन्य ट्वीट किया था।
ट्विटर खाता लॉक्ड किए जाने पर यूज़र अपने खाते को संचालित नहीं कर सकता है जबकि निलंबित किए जाने पर न तो यूज़र अपने खाते को संचालित कर सकता है और न ही उनके ट्वीट को दूसरा कोई यूज़र देख सकता है।
ट्विटर की यह कार्रवाई उस संदर्भ में हुई थी जिसमें इनकी एक तसवीर ट्वीट किए जाने को लेकर आपत्ति की गई थी। उन्होंने 4 अगस्त को दिल्ली में उस पीड़िता के परिवार से मुलाक़ात की थी जिसमें 9 साल की बच्ची से कथित तौर पर रेप और हत्या के बाद उसके शव का भी आरोपियों ने ज़बरन अंतिम संस्कार कर दिया था। राहुल गांधी ने लड़की के माँ-बाप से मुलाक़ात के बाद उनको सांत्वना देने वाली तसवीर को ट्वीट किया था और कहा था- 'मैंने परिवार से बात की, वे न्याय चाहते हैं। मैंने कहा है कि मैं उनके साथ खड़ा हूँ।'
राहुल द्वारा ट्वीट की गई उस तसवीर को लेकर नेशनल कमिशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ़ चाइल्ड राइट्स यानी एनसीपीसीआर ने पिछले बुधवार को दिल्ली पुलिस और ट्विटर से उस पोस्ट के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने के लिए कहा था।
एनसीपीसीआर ने कहा था कि यह बच्चों के यौन उत्पीड़न पर क़ानून का उल्लंघन करता है। बता दें कि यौन उत्पीड़न पीड़ितों या उनके परिवारों की पहचान का खुलासा करना भारत में अवैध है।
ट्विटर भी इसे उल्लंघन के रूप में मानता है। यही वजह है कि ट्विटर ने राहुल गांधी के उस ट्वीट को हटा दिया था। आम तौर पर एक बार किसी यूज़र के ट्वीट को नियमों के उल्लंघन के लिए हटा दिया जाता है तो उसे 24 घंटे तक ट्वीट करने की अनुमति नहीं होती है।
राहुल गांधी का खाता लॉक्ड किए जाने से पहले उन्होंने 6 अगस्त को आख़िरी ट्वीट किया था। उसके बाद से उनके ट्विटर हैंडल से कोई भी ट्वीट नहीं किया गया है। समझा जाता है कि उनका ट्विटर खाता अभी भी लॉक्ड है। ऐसा इसलिए कि कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई और युवक कांग्रेस ने राहुल गांधी के ट्विटर खाते पर कार्रवाई के विरोध में ट्विटर के मुख्यालय के बाहर मंगलवार को भी प्रदर्शन किया।
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इस मामले में बुधवार को ट्विटर की तरफ़ से प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता साजन पूवैया ने अदालत को बताया है कि ट्वीट को पहले ही हटा दिया गया है क्योंकि यह माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट की नीति का उल्लंघन था। पूवैया ने अदालत को यह भी बताया कि राहुल गांधी का खाता भी बंद कर दिया गया है।
इस मामले में याचिकाकर्ता मकरंद सुरेश म्हादलेकर ने याचिका में तर्क दिया है कि राहुल ने किशोर न्याय अधिनियम, 2015 की धारा 74 और पोक्सो अधिनियम की धारा 23 (2) का उल्लंघन किया। उन्होंने कहा है कि 'दोनों में यह अनिवार्य है कि अपराध के एक पीड़ित बच्चे की पहचान का खुलासा नहीं किया जाएगा'।
इस पूरे मामले में कांग्रेस बीजेपी सरकार पर हमलावर है और उसका कहना है कि यह दोहरी नीति क्यों अपनाई जा रही है। कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट कर लिखा था, 'वाह मोदी जी, 2 अगस्त को राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग दिल्ली की अबोध बेटी से मुलाक़ात कर माँ-बाप की फ़ोटो #twitter पर लगाए, तो सही। भाजपा की पूर्व सांसद व SC आयोग की मेम्बर 3 अगस्त को माँ-बाप की फ़ोटो #Twitter पर लगाए, तो ठीक। और राहुल गाँधी जी बेटी के लिए न्याय माँगे तो अपराध!'
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कांग्रेस नेता के सी वेणुगोपाल ने भी ट्विटर को टैग करते हुए लिखा था कि 'दोहरा मापदंड देखिए! ट्विटर इंडिया आप मोदी सरकार से कितने डरे हुए हैं कि आप श्री राहुल गांधी के खाते पर चुनिंदा तरीके से कार्रवाई कर रहे हैं, जबकि सरकारी निकायों ने ठीक यही काम किया है।' वेणुगापाल ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग द्वारा ट्वीट की गई तसवीर की तरफ़ इशारा किया है।
8 अगस्त को इस मामले में प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने प्रधानमंत्री मोदी पर हमला करते हुए कहा, 'आपने अपनी पालतू दमनकारी पुलिस से ट्विटर को डराया-धमकाया और राहुल गांधी जी के ट्वीट को डिलीट करवाया, अकाउंट को ब्लॉक करवाया। पर ये आपकी निडरता नहीं आपकी कायरता दिखाता है कि आप कैसे एक संवेदनशील व्यक्ति से जो आंसू पोंछने का हौसला रखता है उससे आप डरते हैं।' उन्होंने कहा था, 'यह मुद्दा सिर्फ राहुल गांधी के ट्विटर अकाउंट के साथ खिलवाड़ का नहीं है, यह मुद्दा आपकी चुप्पी का है, एक दलित बेटी के दमन का है।'
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