केंद्र सरकार ने
शुक्रवार को तीन शिकायत समितियों की अधिसूचना जारी की, जो सोशल
मीडिया पर पोस्ट किये जाने वाले कंटेट की जांच कर उनको हटाने पर अंतिम निर्णय
लेगी। इन्हें पिछले साल बनाए गये सूचना और प्रौद्योगिकी नियमों में संशोधन द्वारा
प्रस्तावित किया गया था।
सरकार ने गजट अधिसूचना जारी
कर कहा कि इन समितियों की नियुक्ति सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और
डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के नियम 3ए के उप-नियमों (1)
और (2) द्वारा दी गई शक्तियों के द्वारा की गई है।
नागरिक समाज और इस उद्योग
से जुड़े कई सदस्यों ने इस कदम का विरोध करते हुए कहा कि यह सरकार को ऑनलाइन कंटेट
को सोशल मीडिया पर रहने और हटाए जाने के मामले में अत्यधिक शक्तियां देता है।
ताजा ख़बरें
संशोधनों का बचाव करते
हुए केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा था कि आपत्तिजनक सामग्री या उनके
खातों के निलंबन के संबंध में उपयोगकर्ताओं की शिकायतों पर मध्यस्थों की ओर से
कार्रवाई के संबंध में शिकायतों की पृष्ठभूमि में नियमों में संशोधन किया गया है।
वह लोग जो सोशल मीडिया कंपनियों
द्वारा सामग्री/खातों के खिलाफ की गई कार्रवाई से असंतुष्ट हैं, वे लिए गये निर्णय के 30 दिनों के भीतर समिति के समक्ष अपील कर सकते हैं। सोशल
मीडिया कंपनियों को समिति के निर्देशों का को मानना अनिवार्य किया गया है। ऐसा न
करने की स्थिति में उनपर आईटी एक्ट की
धारा 79 के तहत प्रदान किए गई सुरक्षा खो सकते हैं।
गृह मंत्रालय के अधीन
इंडियन साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी समिति के पदेन
अध्यक्ष के रूप में कार्य करेंगे,
जबकि भारतीय पुलिस सेवा
के (रिटायर्ड अधिकारी) आशुतोष शुक्ला और सुनील सोनी (पूर्व मुख्य महाप्रबंधक और
मुख्य सूचना अधिकारी, पंजाब नेशनल बैंक) पहले पैनल में तीन साल के लिए पदेन सदस्य
होंगे। दूसरे पैनल की अध्यक्षता सूचना और प्रसारण मंत्रालय में नीति और प्रशासन
प्रभाग के प्रभारी संयुक्त सचिव करेंगे, इसमें उनके साथ (रिटायर्ड कमोडोर) सुनील कुमार गुप्ता
औऱ श्री कवींद्र शर्मा इसके सदस्य होंगे। जबकि तीसरे
पैनल की अध्यक्षता इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में वैज्ञानिक
जी कविता भाटिया करेंगी, इसमें संजय गोयल, और कृष्णगिरी रागोथामाराव मुरली मोहन (पूर्व प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, आईडीबीआई इंटेक लिमिटेड) इसके सदस्य होंगे।
अपनी राय बतायें