सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी कोटा से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान आरक्षण व्यवस्था पर तीखी टिप्पणी की। जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, 'इस देश में आरक्षण का धंधा रेलगाड़ी की तरह हो गया है। जो लोग डिब्बे में चढ़ गए हैं, वे दूसरों को घुसने नहीं देना चाहते। यही पूरा खेल है।' अदालत ने यह टिप्पणी महाराष्ट्र में ओबीसी आरक्षण को लागू करने के लिए बंठिया आयोग की रिपोर्ट की वैधता पर सुनवाई के दौरान की।

महाराष्ट्र में नगर पंचायत, नगर परिषद, जिला परिषद और ग्राम पंचायत जैसे स्थानीय निकाय चुनाव पिछले कई वर्षों से ओबीसी आरक्षण को लेकर क़ानूनी विवादों के कारण लंबित हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 2010 में स्थानीय निकायों में ओबीसी आरक्षण के लिए 'ट्रिपल टेस्ट' का मानदंड निर्धारित किया था। इसमें शामिल था- एक समर्पित आयोग द्वारा स्थानीय निकायों में पिछड़ेपन की समकालीन और गहन जाँच करना, आयोग की सिफारिशों के आधार पर आरक्षण का अनुपात निर्धारित करना और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी के लिए कुल आरक्षित सीटों का 50% से अधिक न होना।